JHARKHAND NEWS :उत्पाद विभाग में सिपाही की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने के लिए गए 12 अभ्यर्थियों को नौकरी की जगह मौत मिली है. अब सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर उनकी जवाबदेही किसकी है? आखिर उनका क्या होगा जिनकी जान चली गई है? इसके लिए सरकार दोषी है या कोई और? 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद घरों में मातम पसर गया है. उन्हें क्या पता था कि नौकरी के चक्कर में बेटा ही दुनिया से चला जाएगा.
पलामू में 5, गया का अमरेश, गोड्डा का प्रदीप, ओरमांझी का अजय, छतरपुर कउव्वल का अरुण, पांडू वृद्धखैरा का दीपक, गिरिडीह में दो अभ्यर्थी की मौत हुई है. हजारीबाग में दो की मौत हुई है. मुसाबनी में एक और टेंडरग्राम, रांची में एक अभ्यर्थी की मौत हुई है. साहिबगंज में रांची के विकास लिंडा की मौत हुई है.
100 से अधिक हैं बीमार
12 अभ्यर्थियों की मौत होने के साथ ही 100 से भी ज्यादा अभ्यर्थियों का ईलाज अस्पताल चल रहा है. उनमें से अधिकांश की हालत बिगड़ी हुई है. 12 की मौत के बाद सरकार की आंख खुली है और बहाली प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगाने के लिए कहा गया है.
सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दौड़ाया
शारीरिक परीक्षा को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक रखा गया था. इस दौरान चिलचिलाती धूप में भी अभ्यर्थियों को राहत देने का काम नहीं किया गया. अब जबकि इसे स्थगित कर दिया गया है और कहा गया है कि अगर शारीरिक जांच होगी तो सुबह 9 बजे के पहले ही होगी. ऐसा खुद सीएम हेमंत सोरेन ने ही कहा है.
1.27 लाख अभ्यर्थी हुए शामिल
उत्पाद सिपाही की बहाली प्रक्रिया में कुल 1.27 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए हैं. इसमें से 78 हजार अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसमें पुरूष की बात करें तो 56 हजार और महिलाओं में 21 हजार को सफलता हाथ लगी है. कुल 583 पदों पर ही पहले चरण में बहाली की जाएगी.
अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज
12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद पुलिस की ओर से अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कर खाना पूर्ति कर ली गई है. इसके बाद क्या जांच होगी और किन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.