नई दिल्ली : वर्ष 1927 में बना पुराना संसद भवन के स्थान पर अब दिल्ली में 96 साल के बाद एक बार फिर से नया संसद भवन बनाया गया है. इसका शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने किया था. इसका काम पूरा हो गया है और इसका उद्घाटन 28 मई को ही पीएम मोदी करने वाले हैं. संसद भवन का जो भी कार्य लंबित है उसे पूरा करने का काम किया जा रहा है. संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है.
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क्या हैं सुविधायें
नये संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसद बैठ सकते हैं. दोनों सदनों की अगर एक साथ बैठक होती है तो कुल 1280 सांसद बैठ सकते हैं. पुराने संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की सुविधा थी. नये संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे. उनके कार्यलय को पेपरलेस बनाने का काम किया गया है. संसद भवन में एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल और पार्किंग की की व्यवस्था दी गयी है.
संसद भवन में है छह गेट
संसद भवन की बात करें तो इसने 6 गेट और सार्वजनिक वाले रास्तों में देश के अलग-अलग हिस्सों की मूर्तियां और आर्ट वर्क होंगे. यहां देश में पूजे जाने वाले जानवरों की झलकियां भी दिखाई जाएंगी. इनमें गरुड़, गज, अश्व और मगर शामिल हैं. ऐसा कहा जा रहा है, यहां तीन गैलरी होंगी, जो भारत की ऐतिहासिक से आधुनिक दौर की यात्रा करवाएंगी. ऐसा कहा जा रहा है कि नये संसद भवन में तीन नए द्वार भी होंगे.
महापुरूषों की स्थापित होगी मूर्तियां
नये संसद भवन में महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर, सरदार पटेल, और चाणक्य की ग्रेनाइट मूर्ति भी स्थापित की जाएगी. संसद की सबसे बड़ी विशेषता तो इसके संविधान हॉल में स्थित है. इसे भवन के बीचोंबीच बनाया गया है। इसके ऊपर अशोक स्तंभ लगाया गया है. हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी.
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