जमशेदपुर : कोल्हान के झीकपानी समेत अन्य गांवों से कौशल विकास केंद्र के माध्यम से रोजगार के लिए कोयंबटूर गए 23 में से 15 लड़के और लड़कियों को शनिवार को जमशेदपुर लाया गया। सभी से वहां पर कम वेतन पर ज्यादा काम लिया जाता था। चेन्नई के डीएम और डीसी तक मामला पहुंचने पर इसकी जांच की गई और कंपनी के प्रतिनिधि से सभी को बस मार्ग से शनिवार की सुबह जमशेदपुर लेकर पहुंचे। यहां से सभी को उनके घर तक पहुंचा दिया गया। शोषित सभी बेरोजगार युवा शहर आने के बाद खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे थे। बस से उतरे युवा मजदूरों को घर तक पहुंचाने की जिम्मेवारी बागुननगर के संजय लकड़ा ने ली थी।
मानगो के दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र से लिया था प्रशिक्षण
सभी बेरोजगार युवाओं ने मानगो एनएच स्थित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इसके बाद ही उन्हें प्लेसमेंट के रूप में कोयंबटूर भेजा गया था। वर्ष 2019 में सभी 23 युवा गए थे। बीच में वे एक बार घर भी लौटे थे।
सिंतबर से होने लगा था शोषण
बेरोजगार युवाओं का सितंबर माह से शोषण होने लगा था। इसके बाद सभी ने अपने घर में फोन करके पूरी जानकारी दी। सभी ने बताया था कि उन्हें 7-8 हजार वेतन देने के अलावा कभी 6000 और कभी 5000 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा ओवर टाइम के लिए प्रति घंटे मात्र 30 रुपये ही दिए जाते हैं। जिस दिन युवकों की छुट्टी होती थी उस दिन उन्हें कैंपस से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती थी। वे घुटकर कैंपस में ही रहने को विवश थे।
खाना का भी स्तर था निम्न
स्वीफ्ट नामक टेक्सटाइल्स कंपनी की ओर से इन्हें खाना भी निम्न स्तर का खिलाया जा रहा था। इसका विरोध करने पर दो दिनों तक ठीक दिया जाता था, उसके बाद फिर पहले जैसी कहानी होती थी।
फादर जोसफ सुरीन की पहल रंग लाई
एक्सएलआरआइ के पूर्व प्राचार्य फादर जोसफ सुरीन कुछ दिनों पहले पश्चिमी सिंहभूम के गांवों में घुमने के लिए गए हुए थे। इस बीच ही कुछ अभिभावकों ने अपनी बच्चों की पीड़ा के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने एक्सएलआरआई के प्राचार्य फादर हेनेरी को इसकी जानकारी दी। उन्होंने किसी तरह से इसकी जानकारी चेन्नई के डीएम और डीसी को दी। इसके बाद कंपनी का पता लगाकर 23 युवाओं को खोज निकाला गया।
23 युवाओं को लाया गया था स्टेशन
चेन्नई प्रशासन की ओर से सभी युवा मजदूरों को कोयंबटूर स्टेशन पर लाया गया था, लेकिन 8 मजदूरों को ज्यादा रुपये देने का आश्वासन देकर कंपनी के अधिकारियों ने रख लिया।
इन जगहों के थे युवा बेरोजगार
बेरोजगार युवा पूरे कोल्हान के थे। इसमें बिष्टूपुर, बागबेड़ा लाल बिल्डिंग, हाता तिरिंग, पंड्रासाली, चक्रधरपुर, चाईबासा, बंदगांव,