रांची : झारखंड पुलिस के लिए वर्ष 2024 का पूरा एक साल उपलब्धियां से भरा हुआ है. एक साल की उपलब्धियों के संबंध में आईजी अभियान एवी होमकर, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज और डीआईजी कार्मिक नौशाद आलम ने रांची स्थित पुलिस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन दौरान जानकारी दी. आईजी अभियान एवी होमकर ने बताया कि वर्ष 2024 में 244 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें 10 लाख रुपये तक के इनामी नक्सली शामिल हैं. इसके अलावा 24 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है. पुलिस द्वारा चलाया गया अभियान में उग्रवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोली, विस्फोटक और आईईडी बरामद किए गए.
संगठित अपराध में पुलिस को बड़ी कामयाबी
राज्य में अफीम की खेती के खिलाफ पुलिस की ओर से सघन अभियान चलाया जा रहा है. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की ओर से अब तक एक करोड़ 82 लाख रुपये से अधिक नगद राशि बरामद की गई है. राज्य में संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. राज्य में सक्रिय पांडे गिरोह, अमन साव गिरोह और प्रिंस खान गिरोह समेत अन्य सक्रिय गिरोह के 154 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.
अलकायदा के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार
एंटी टेरर एक्टिविटी के तहत एटीएस ने दिल्ली पुलिस सेल के साथ मिलकर अलकायदा के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी हासिल की है. झारखंड पर्यटन विकास निगम और झारखंड राज्य विद्युत कर्मचारी मास्टर ट्रस्ट से जुड़े मामले में पुलिस ने साथ अभियुक्त को गिरफ्तार किया. इस मामले में पुलिस ने एक करोड़ 22 लाख 90 हजार रुपये से अधिक राशि बरामद की है. 42 करोड रुपये से अधिक की राशि को फ्रिज किया गया. आईजी अभियान ने बताया कि इलेक्शन कमीशन के निर्देश पर इस बार झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है. शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने में पुलिस मुख्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.साइबर अपराध से जुड़े मामलों में भी झारखंड पुलिस ने वर्ष 2014 में कई उपलब्धियां हासिल की है.
साइबर अपराध में मिली सफलता
सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि साइबर अपराध के तहत 2000 से अधिक मोबाइल, लगभग 3000 सिम, 606 एटीएम कार्ड, 52 लैपटॉप और 8 करोड रुपये से अधिक की नगद राशि बरामद की गई है. असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि साइबरअपराध पर रोकथाम के लिए झारखंड पुलिस की ओर से बनाया गया प्रतिबिंब एप के माध्यम से 274 कांड दर्ज किए गए हैं. इनमें लगभग 900 गिरफ्तारियां की गई है. 66 करोड़ रुपये फ्रिज किए गए हैं. साइबर सेल ने 3 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को लौटाई भी है. मादक पदार्थों के संबंध में 788 कांड दर्ज किए गए हैं. इनमें बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां भी हुई है.