Home » कोल्हान में 44 कुख्यात नक्सलियों पर चलेगा रेड जोन में लाल वारंट का चाबुक, फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कसी कमर, डीजीपी ने दिए सख्त निर्देश
कोल्हान में 44 कुख्यात नक्सलियों पर चलेगा रेड जोन में लाल वारंट का चाबुक, फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कसी कमर, डीजीपी ने दिए सख्त निर्देश
जमशेदपुर : कोल्हान क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान को और धार देने के लिए पुलिस अब फरार नक्सलियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. लंबे समय से पुलिस के रिकॉर्ड में फरार चल रहे 44 कुख्यात नक्सलियों के खिलाफ अब रेड जोन में लाल वारंट हासिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. यह वारंट संबंधित अदालतों से लिया जा रहा है, ताकि इनकी गिरफ्तारी किसी भी जिले में हो सके और रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सके.
इन 44 नक्सलियों में झारखंड के शीर्ष वांछितों में से एक, नक्सली आकाश का नाम भी शामिल है. पुलिस ने पहले ही इनकी संपत्तियों की पहचान कर जब्ती कर ली है और अब कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इन फरार नक्सलियों के घरों पर नोटिस चस्पा करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है.
राज्य डीजीपी के निर्देश पर तेजी से हो रही कार्रवाई
राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता द्वारा नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कई अहम निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि लेवी वसूली और धमकी से संबंधित मामलों की समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक घटना में अब तक हुई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी तैयार की जाए.
आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं पर भी होगी कानूनी कार्रवाई
नक्सलियों द्वारा की गई आगजनी, तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं की सूची तैयार कर कोर्ट से वारंट हासिल किया जाएगा. डीजीपी ने यह भी कहा है कि लेवी से अर्जित संपत्ति को चिह्नित कर उसकी सूची तैयार की जाए और उसे जब्त किया जाए.
फरार नक्सलियों पर इनाम का प्रस्ताव भेजने का निर्देश
डीजीपी ने निर्देश दिया है कि जिन नक्सलियों और उग्रवादियों पर अभी तक इनाम घोषित नहीं हुआ है, उनके नामों की सूची बनाकर जल्द से जल्द इनाम की अनुशंसा की जाए. वहीं जमानत पर छूटे नक्सलियों व अपराधियों पर भी विशेष निगरानी रखने और थाने स्तर पर सतर्कता बरतने को कहा गया है.
लाल वारंट अदालत द्वारा जारी एक स्थायी गैर-जमानती वारंट होता है, जो विशेष रूप से फरार अपराधियों के खिलाफ जारी किया जाता है. इसके तहत पुलिस को व्यापक अधिकार मिलते हैं, जिससे वे कहीं भी छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर सकते हैं. साथ ही आरोपी की संपत्ति को जब्त कर कुर्की की जा सकती है.