जमशेदपुर : बागबेड़ा के कांचा गांव के नदी किनारे पूजा स्थान पर रूढ़िवादी प्रथा को नए सिरे से सुचारू रूप से समाज में चलाने के लिए माझी परगना की एक बैठक का आयोजन किया गया। जुगसलाई के तोरोफ परगना के दशरथ मांझी के नेतृत्व में माझी और ग्राम प्रधान बैठक में शामिल हुए। चम्पई मुर्मू ने बताया कि कांचा घाट में मरने के बाद समाज के लोग अस्थि विसर्जन करते हैं। यह घाट बहुत ही सराहनीय है। जितने दिन माझी बाबा और प्रधान है उन लोगों से घाट के संबंध में चर्चा की गई। इस घाट में अस्थि क्यों बहाया जाता है इसपर भी विस्तार से चर्चा की गई। घाट को बचाने के लिए सरकार से चहारदीवारी की मांग की गई।