सरायकेला-खरसावां : जिला के कुकड़ू प्रखंड के जानुम पंचायत भवन मे आदिवासी कुड़मी समाज का प्रखंड स्तरीय सम्मेलन किया गया । प्रखंड संयोजक समिति की सम्मेलन की अध्यक्षता विशिष्ट समाजसेवी रमानाथ महतो ने की । सम्मेलन में समाज के समक्ष कुड़मी जनजाति होने का इतिहास, शहीदों , महापुरुषों, कुड़माली भाषा, संस्कृति, धर्म और परंपरा पर विशेष चर्चा की गई । आगामी भारत की जनगणना को लेकर समाज द्वारा सही डाटा दर्ज कराने को लेकर विशेष बल दिया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो ने बताया कि हम झाड़खंड के खूँटकट्टी आदि बासींदा , खतियानी और गुष्टीधारी कुड़मी हैं , जिन्हें कालांतर में बाह्य पर्यवेक्षकों द्वारा खतियान में विभिन्न , कुड़मी, कुर्मी,
दर्ज किया गया है, जो मूल रुप से ‘कुड़मि’ हैं, जिसे विभिन्न विद्वानों के अलावे राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी मानती है। हमारी अपनी पुरखैनी स्वायत्त मातृभाषा ‘कुड़मालि’ है, जो आदिकाल से निरंतर चले आ रहे विभिन्न लोकगीतों करम, बाँदना, बिहा आदि में समाहित है। उन्होंने कहा की आने वाले जनगनना मे जाती कुड़मी, धर्म सरना दर्ज कराने के लिए समाज को जागरूक किया जा रहा है । उन्होंने कहा की गांव गांव जाकर कुड़मी समाज को जागरूक करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया । मौके पर प्रदेश अध्यक्ष प्रसेनजित महतो, डॉ. विभीषण महतो,शशिभूषण, तापस महतो आदि उपस्थित थे ।