जमशेदपुर : सुंदरनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। इस ईलाके में जिला परिषद अध्यक्ष बुलुरानी सिंह का आवास है, लेकिन उन्होंने भी अभी तक इस दिशा में किसी तरह की पहल नहीं की है। आजादी के बाद पहली बार ही सड़क बनी थी, लेकिन सड़क पर लोगों का आवागमन करना दूश्वार हो गया है। सड़क पर भारी वाहनों का परिचालन 24 घंटे होता है। सड़क के दोनों तरफ बेरियर लगा हुआ है, लेकिन इसका भी पालन नहीं हो रहा है।
तीन साल पहले बनी थी सड़क
सड़क को तीन साल पहले ही बनाया गया था। सड़क बनते समय ही लोगों ने यह कहकर भारी विरोध किया था कि निर्माण ठीक से नहीं हो रहा है। बावजूद सड़क को किसी त रह से पूरा करके छोड़ दिया गया था। आज सड़क पर लोगों को आवागमन करना दूभर हो गया है।
जनप्रतिनिधि नहीं उठाते हैं सड़क की आवाज
यह जुगसलाई विधानसभा में पड़ता है और इसके विधायक मंगल कालिंदी हैं, लेकिन उनकी ओर से भी अभी तक सड़क की दिशा में अभी तक किसी तरह की पहल नहीं की गई है। चेयरमैन बुलुरानी सिंह को भी इससे कोई सरोकार नहीं है। यहां की मुखिया की बात करें तो भ्रष्टाचार के आरोप में फिलहाल मे ंजेल के भीतर हैं और मुखिया के पहले में उप-मुखिया संजय को ही विभागीय स्तर से मुखिया का प्रभार दे दिया गया है।
सिर्फ चुनाव के समय आते हैं नेता
खुकड़ाडीह और गोविंदपुर सड़क के बीच ही रूगड़ीडीह गांव है। इस गांव के लोग सड़क का उपयोग करते हैं। इस गांव में तो चुनाव के समय ही नेता नजर आते हैं। सिर्फ वोट मांगने और लोगों के बीच लुभावने वायदे करने के लिए नेता पहुंचते हैं उसके बाद उनका पता नहीं होता है। नेताओं का विरोध स्थानीय लोग शुरू से ही करते हैं, लेकिन इसका प्रभाव उनपर नहीं पड़ता है। वे सिर्फ आश्वासन देकर ही चले जाते हैं और फिर पांच सालों के बाद नजर आते हैं।