जमशेदपुर : बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में 18 मई 2017 की रात पीट-पीटकर हुई चार लोगों की हत्या के मामले में बागबेड़ा पुलिस ने फरार हो आरोपी माही सरकार उर्फ महीन सरदार और रवि भुमिज को गिरफ्तार करके रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में पुलिस अबतक दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इसमें से कुछ लोगों की जमानत भी हो चुकी है और वे बाहर हैं।
चार साल पहले शौचालय बनाने के लिए बैनर लगाने गया था उत्तम
जुगसलाई के रहने वाले उत्तम वर्मा चार साल 18 मई 2017 को अपने भाई और अपने साथी के साथ शौचालय का बैनर लगाने के लिए नागाडीह गांव की तरफ गए थे। इस बीच ही रास्ते में कुछ लोगों ने रोक लिया था और गांव में घुसने का कारण पूछा था। आई कार्ड मांगा था। आई कार्ड नहीं होने पर दो भाइयोें को बैठा लिया था और उसे आई कार्ड लाने के लिए घर भेजा था।
बिजली खंभे में बांधकर की गई थी मारपीट
घटना के समय मौके पर चार लोगों को बिजली खंभे से बांधकर मारपीट की गई थी। आधी रात तक यह सिलसिला चलता रहा। पुलिस भी घटनास्थल पर जाने का साहस नहीं जुटा पा रही थी। तब बागबेड़ा के थानेदार आमिष हुसैन थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद भी जरूरत के हिसाब से पुलिस बल मुहैया नहीं कराए जाने के कारण पुलिस कुछ दूरी पर ही खड़ी रही।
इनकी हुई थी हत्या
घटना की रात जुगसलाई नया बस्ती के रहने वाले विकास वर्मा, गौतम वर्मा और गंगेश गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। विकास की दादी रामसखी देवी को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था।बुढ़ी दादी को ईलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया गया था। यहां पर एक माह के बाद उसकी मौत हो गई।
राजाराम ने टांगी से किया था हमला
घटना के बाद मुखिया राजाराम हांसदा समेत कुल 17 को नामजद आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा कई अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया था। घटना के संबंध में कहा गया था कि राजाराम हांसदा टांगी लेकर आया था। घटना के दिन राजाराम को पुलिस ने फोन करके घटनास्थल पर बुलाया था। उससे कहा था कि गांव के लोग नहीं मान रहे हैं। राजाराम ने गांव के लोगों को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन उनकी बातों को भी नहीं माना था। इसके बाद राजाराम अपने घर काचा चले गए थे।
इन्हें किया गया था सस्पेंड
पीसीआर नंबर 9 के एएसआई उमाशंकर राम, हवलदार बेडो कोडो व सिपाही कोलाई मुंडारी, टाइगर मोबाइल के सिपाही बीरेंद्र प्रसाद यादव, सिपाही विजन कुमार महतो व गंगाधर यादव।