चाईबासा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में लालकिले पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराते हुए घोषणा की थी की अब देश के गरीब लोगों को बेहतर चिकित्सा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख की चिकित्सा का लाभ हर गरीब को मुफ्त में मिलेगा। प्रधानमंत्री के इस घोषणा को ढाई साल बीत गए लेकिन विडंबना देखिये पश्चिम सिंहभूम जिले के सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल माने जाने वाले चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में इस योजना का शुभारम्भ अबतक नहीं हो पाया है। ऐसा नहीं है की चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल आयुष्मान के तहत गरीबों का ईलाज नहीं करना चाहती। बात दरअसल
यह है की राज्य सरकार और जिले का स्वास्थ्य विभाग ही इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहा है। चक्रधरपुर का रेलवे अस्पताल पिछले कई महीनों से आयुष्मान के तहत मरीजों को सेवा देने के लिए तैयार है लेकिन जिले का स्वास्थ्य विभाग ही चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल को आयुष्मान के तहत ईलाज शुरू करने की अनुमति नहीं दे रहा है। चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल के द्वारा जिले के स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना के तहत ईलाज शुरू करने के लिए जरुरी औपचारिकता पूरी करने व उन्हें यूजर पासवर्ड मुहैया कराने की मांग कर रहा है, रेलवे अस्पताल के द्वारा इसको लेकर कई बार पत्राचार भी हो चूका है लेकिन अबतक जिले के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रेलवे अस्पताल को कोई भी सहयोग प्रदान नहीं की जिससे रेलवे अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत ईलाज शुरू हो सके। चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल आज के दौर में बहुत हद तक बदल चूका है। सीएमएस एसके मिश्रा ने अस्पताल का कायाकल्प कर दिया है। मौजूदा दौर में चक्रधरपुर का रेलवे अस्पताल अत्याधुनिक संसाधनों से लैस है। यहाँ लेप्रोस्कोपिक के जरिये ओपरेशन किये जा रहे हैं। इस माध्यम से अबतक हुए सारे ओपरेशन सफल हुए हैं। वहीँ ब्रेस्ट कैंसर का भी ओपरेशन यहाँ सफल हुआ है। पेट में ट्यूमर का भी ओपरेशन इस अस्पताल में सफल हुआ है और मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं।