जमशेदपुर : गुरु सिंह सभा चाईबासा गुरुद्वारा में रविवार को पटना तखत श्री हरिमंदिर साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सिंह साहब रंजीत सिंह गौहर ए मसकीन ने 14 लाख की लागत से तैयार निशान साहिब एवं डियोढी साहेब संगत को समर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने निशाने साहेब के खंडा साहिब की व्याख्या करते हुए कहा कि यह पांच प्यारे, पांच बानी, पांच तखत, पांच तत्व, पांच प्रधानी पांच ककार से परिपूर्ण होने का संदेश देता है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के 35 वें श्लोक, बाल जुआनी…….. सभ ही मान, की व्याख्या करते हुए कहा कि जिसने अपने बालपन युवावस्था एवं बुढ़ापा में हरि को जीवन समर्पण प्यार नहीं किया, उसको मोक्ष नहीं मिलता। उनके अनुसार बालपन में उतावलापन, जवानी में पराए रूप एवं पराए धन पर गलत नजर तथा बुढ़ापा में कौशल अनुभव का अभिमान हरि से मिलने में आड़े आता है। उनके अनुसार मां बालक को ध्रुव बालक प्रहलाद बालक जोरावर सिंह बालक फतेह सिंह बालक फरीद बालक कबीर की तरह एवं जवानी में भाई मणि सिंह एवं बुढ़ापा में बाबा बूढा जी की तरह ईश्वर से जोड़ें तो सम्मान मिलना ही है। जत्थेदार के अनुसार गुरु का सम्मान होगा तो उसके द्वारा दिया गया ज्ञान प्राप्त होता है अन्यथा बच्चा फेल हो जाता है इसी तरह सतगुरु के प्रति समर्पण सम्मान हुआ तो मोक्ष मिल जाएगा।
निशान ए साहिब को दूध से धोया
इससे पहले निशान ए साहिब को दूध से धोया गया तथा चोला साहिब पहनाया गया। यहां जत्थेदार साहब ने अरदास की एवं हाइड्रोलिक निशान ए साहब को खड़ा किया। जत्थेदार एवं तख्त श्री हरमंदिर साहब कमेटी के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह एवं झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, प्रधान गुरमुख सिंह खोखर, महासचिव सुरेंद्र सिंह वालिया ने अनावरण किया और संगत के समक्ष विचार रखे। इससे पहले गुरुद्वारा में जत्थेदार रणजीत सिंह, उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह, शैलेंद्र सिंह एवं सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी प्रधान महेंद्र सिंह को सिरोपा एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
मौके पर ये थे मौजूद
यहां हजारों लोगों ने भाई हरप्रीत सिंह का कीर्तन श्रवण किया और बड़े ही श्रद्धा के साथ लंगर ग्रहण किया।
इस मौके पर प्रधान हरविंदर सिंह मंटू प्रधान दलबीर सिंह प्रधान भगवान सिंह, प्रधान गुरचरण सिंह बिल्ला भारतीय जनतंत्र मोर्चा नेता कुलविंदर सिंह पन्नू, सुखविंदर सिंह राजू, दमनप्रीत सिंह ,हरविंदर सिंह इंदर सिंह इंदर, चंचल सिंह भाटिया, जगजीत सिंह भामरा, जसपाल सिंह खोखर, त्रिलोचन सिंह, बलजीत सिंह खोखर, कुलदीप सिंह सुरजीत सिंह खुशीपुर, गुरदीप सिंह लाडी, हरविंदर सिंह, कुलबिंदर सिंह आदि मौजूद थे।