चाईबासा : रेलवे में लगातार हादसे हो रहे हैं लोग जान भी गँवा रहे हैं लेकिन इन हादसों के बाद भी रेलवे सबक नहीं ले रही है। ताज़ा मामला चक्रधरपुर रेल मंडल का है जहाँ रेलवे ने गोइलकेरा रेलवे स्टेशन में पुराने फुट ओवर ब्रिज के ढांचे को गिरा दिया। तीन घंटे का ब्लॉक लेकर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा पुराने फुट ओवर ब्रिज को पूरी तरह डिस्मेंटल कर दिया गया।पुराने ब्रिज के ढांचा को गिराने के दौरान रेलवे के द्वारा कोई सुरक्षा इंतजाम मजदूरों के लिए नहीं किये गए थे। मजदूरों को काम के दौरान हादसे से बचने के लिए किसी भी प्रकार का सुरक्षा संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया था।
हेलमेट व बिना सेफ्टी बेल्ट के कार्य
सभी मजदूर बिना, हेलमेट के काम करते देखे गए। ब्रिज और पोल पर चढ़े मजदूरों को सेफ्टी बेल्ट तक उपलब्ध नहीं कराया गया था। ज्यादातर मजदूरों के पैर में तो जूते नहीं थे। चप्पल पहनकर मजदूर काम कर रहे थे। कई मजदूरों के हाथ में ग्लव्स भी नहीं था। रेलवे का इतना बड़ा भारी भरकम फुट ओवर ब्रिज और इतनी उंचाई पर काम के बावजूद मजदूरों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में किसी मजदूर के साथ कोई हादसा हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता यह सबसे बड़ा सवाल है। ऐसे मामलों में श्रम विभाग को भी ध्यान देना चाहिए जहाँ चंद पैसे बचाने के लिए मजदूरों की जान खतरे में डालकर काम करवाया जाता है। यह फूट ओवर ब्रिज ब्रिटिश काल में बना था जो जर्जर हो चुकी थी। इसके स्थान पर प्लेटफॉर्म संख्या 1 से 2 को 3 को जोड़ते हुए नया फुट ओवर ब्रिज बनाया जा रहा है।
एडीईएन वेस्ट की देख-रेख में हो रहा कार्य
चक्रधरपुर रेल मंडल के एडीईएन वेस्ट स्पर्श भारद्वाज की देख-रेख में पुराने फुट ओवर ब्रिज के बीच मे बचे पूरे हिस्से को क्रेन लगाकर गिरा दिया गया। इस दौरान अप, डाउन एवं दोनों लूप लाइन ब्लॉक रहा। केवल थर्ड लाइन को क्लियर रखकर ट्रेनें चलाई गई. मजदूरों को क्यों और किस परिस्थिति में बिना सुरक्षा इंतजाम के काम करवाया गया इसपर बात करने के लिए कोई भी रेल अधिकारी सामने नहीं आ रहा है।