जमशेदपुर : सुंदरनगर में रैफ 106 बटालियन की ओर से शुक्रवार की शाम शौर्य दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान जवानों ने 9 अप्रैल 1965 में गुजरात के कच्छ के रण का दृश्य को अपनी कला से जीवंत करने का प्रयास किया। उस दिन सीआरपीएफ की एक छोटी सी टुकड़ी ने गुजरात के कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर बहादुरी से लड़ते हुए पाकिस्तानी ब्रिगेड के हमले को नाकाम किया था। सीआरपीएफ के जवानों ने पाकिस्तान के 34 सैनिकों को मार गिराया था। इस बीच चार को जीवित भी पकड़ा था। तब लड़ते हुए 6 जवान वीरगती को प्राप्त हो गए थे।
इतिहास में पहली बार हुआ था ऐसा
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक छोटे से दल के जवानों ने शत्रु के पूरे सैन्य ब्रिगेड को करारी शिकस्त दी थी। उन वीर जवानों की ओर से प्रदर्शित वीरदा की याद में प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर रैफ कैंप में कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
सुबह हुआ वीरता दौड़ का आयोजन
रैफ कैंप की ओर से सुबह 6 बजे वीरता दौड़ का आयोजन किया गया था। इसमें कमांडेंट प्रमोद कुमार सिंह के अलावा जवानों ने भी हिस्सा लिया। वीरता दौड़ देश भक्ति के उत्साह वर्धक गीतों के साथ किया गया था।
कैंप में हुआ स्पेशल दरबार का आयोजन
शौर्य दिवस पर कैंप में स्पेशल दरबार का भी आयोजन किया गया था। वीर जवनों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। सीआरपीएफ के सुनहरे इतिहास पर बनाए गए 10 मिनट की फिल्म भी दिखाई गई। मौके पर वीरता की थीन पर पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय के बच्चों ने हिस्सा लिया था।