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चाईबासा : सारंडा में ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार बनवा रहा सड़क, मजदूरों को भी नहीं दे रहा मजदूरी, घटिया सड़क निर्माण का ग्रामीण कर रहे हैं विरोध, कान में तेल डालकर सो रहे हैं विभागीय अधिकारी
चाईबासा : सारंडा में सड़क निर्माण का कार्य आरोहन कंस्ट्रक्शन के मालिक अशोक प्रधान को दिया गया है। इसे पूर्व में ही सरकार की ओर से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। बावजूद वह सारंडा में काम कर रहा है। जिन मजदूरों को काम पर लगाया गया है उन्हें अभी तक मजदूरी भी नहीं दी गई है। मजदूरों को यह भी पता नहीं है कि उन्हें कितनी मजदूरी ठेकेदार देगा। वे घटिया सड़क निर्माण नहीं करना चाहते हैं, लेकिन ठेकेदार के कारण विवश होकर कर रहे हैं। ठेकेदार पर सांसद गीता कोड़ा ने सरकार से भी सवाल किया था, लेकिन नतिजा ढाक के तीन पात ही निकला है। सारंडा में कोलायबुरू से कुमडीह के बीच साढ़े 12 किलोमीटर सड़क बन रही है। घटिया निर्माण कार्य से सारंडा के कुदलीबाद, कोलायबुरु, बहदा, कुमडीह आदि गाँव के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है ।
गांव के लोगों को ही धमका रहा है ठेकेदार
ग्रामीणों ने संबंधित ठेकेदार से घटिया सड़क निर्माण होने की शिकायत करने के बावजूद कोई सुधार न कर ग्रामीणों को ही धमकाया जाता है । ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है कि हम न्याय के लिये किसका दरवाजा खटखटायें । बहदा के मुंडा रोया सिधु, कुमडीह के वार्ड सदस्य सागर बिरुवा आदि ग्रामीणों ने पथ निर्माण विभाग व सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि नक्सल प्रभावित सारंडा में ऐसी घटिया स्तर का सड़क बनाकर सरकार हमारी विकास का सबसे बडी़ बाधक बन रही है । ऐसे सड़क की उच्च स्तरीय जाँच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाये अन्यथा हम ऐसी घटिया सड़क का निर्माण कार्य रोकने पर मजबूर होंगे ।
साईकल का ब्रेक लगाने से उखड़ रही है सड़क
मुंडा ने बताया की देश का पहली यह सड़क होगी जो साईकल का ब्रेक लगाने से उखड़ रही है। कभी भी विभागीय अधिकारी इस सड़क का जाँच हेतु नहीं आते, जिसका लाभ ठेकेदार उठा रहा है । उन्होंने कहा कि गांव के मछुवा चाम्पिया के खेत में बालू-गिट्टी का स्टॉक किया गया है। एवज में ठेकेदार प्रत्येक माह बारह सौ रूपये देने बोला था लेकिन लगभग डेढ़ वर्ष हो गये और मात्र दो हजार रूपये ही दिया गया । गांव के गुणा माझी के खेत से मुरुम उठाया गया लेकिन खेत को आज तक समतल नहीं किया गया । कोलायबुरु-कुमडीह सड़क बनने के साथ-साथ पूरी तरह से उखड़ने और गड्ढों में तब्दिल होती जा रही है । सड़क पर इतना पतला परत कोलतार व गिट्टी का दिया जा रहा है ताकि नीचे का मोटा गिट्टी पत्थर पूरे सड़क में दिखाई दे रही है । गिट्टी पत्थर को छुपाने के लिये अलकतरा मिक्स बालू का छिड़काव उपर से किया जा रहा है ।
नदी-जंगल के पत्थर से बन रहा गार्डवाल
सड़क किनारे बनाये जा रहे गार्डवाल में सारंडा जंगल अथवा नदी का पत्थरों से अवैध तरीके से जोडा़ई किया जा रहा है । कुमडीह गांव में बना पीसीसी सड़क का निर्माण भी घटिया स्तर का कराया जा गया है ।
ब्लैक लिस्टेड है ठेकेदार
जिस ठेकेदार को सड़क का कार्य दिया गया है उसे पूर्व में ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। बावजूद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उसी का सड़क का काम मिल रहा है। गांव के लोगों को भी समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है। सांसद गीता कोड़ा ने भी ठेकेदार पर सरकार से सवाल किया था, लेकिन जवाब कुछ भी नहीं मिला।