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सरायकेला-खरसावां : हाथियों ने ईचागढ़ के कारकीडीह गांव में दो मकानों को तोड़ा, सामानों को किया नष्ट, शाम ढलते ही घरों में दुबक जाते हैं गांव के लोग
सरायकेला-खरसावां : जिला के कुकड़ू प्रखंड और ईचागढ़ थाना क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथियों के साये मे जीने को लोग मजबूर हैं । आए दिन हाथियों द्वारा ग्रामीणों का घरों, खेत में लगे फसलों और जान-माल की क्षति पहुंचाया जा रहा है । आस-पास के जंगलों में डेरा जमाए हाथियों का झुंड से बिछड़कर एक हाथी शाम ढलते ही गांवों मे पहुंचकर उत्पात मचा रहा है । शनिवार की देर रात रात को झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने कुकड प्रखंड क्षेत्र के कारकीडीह गांव में जमकर उत्पात मचाया । हाथी ने शक्तिपद मंडल और फाल्गुन प्रामाणिक के घर को तोड़कर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। घर में रखें अनाज को भी चट कर गया। हाथी ने घर में रखे समानों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया । किसानों का खेत में लगे लौकी खेती को भी रौंदकर नष्ट कर दिया । घर का दीवार गिरने से सभी समान दब कर क्षतिग्रस्त हो गया । रोज-रोज हाथियों का उत्पात से क्षेत्र में दहशत का माहौल है । दिन ढलते ही लोग घर से निकलने से भी डरते हैं । वहीं वन विभाग मौन है । युधिष्ठिर प्रामाणिक ने बताया की वन विभाग गांव में लाइट दिया है और न ही पटाखा । हाथी को ग्रामीणों द्वारा ट्रैक्टर से भगाया गया । कोई व्यवस्था नहीं है । उन्होंने बताया की आये दिन जंगली हाथी ईचागढ व कुकड़ू क्षेत्र में घरों को तोड़ रहा है, वही खेतों मे लगे फसलों को चट कर जाता है। सब्जियों को रौद रहा है और जान-माल की भी क्षति पहुंचा रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द मुआवजा देने का मांग की है ।