सरायकेला-खरसावां : जिले के राजनगर टू में 80 परिवार के लोग एक सोलर पंप के सहारे पानी की प्यास बुझा रहे थे, लेकिन अब वह 4 माह से खराब हो गया है। बावजूद इसे ठीक करने वाला कोई नहीं है। फिलहाल गांव के लोग कोसों दूर से पानी लाने को विवश हैं।
प्रखंड से आधा किलोमीटर की दूरी पर है गांव
राजनगर प्रखंड कार्यालय से महज 500 मीटर दूरी पर राजनगर टू और चांगुआ गांव में इन दिनों ग्रामीणों को प्रतिदिन पेयजल संकट से गुजरना पड़ रहा है। पेयजल के लिए दिन-भर महिलाओं व पुरुषों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है, लेकिन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं । ना जनप्रतिनिधि, ना प्रशासन। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ग्रामीणों की इस संकट का मुख्य कारण यहां के जनप्रतिनिधि हैं जो ग्रामीणों की पेयजल समस्या को नजर अंदाज करते आ रहे हैं। राजनगर टू के मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में राजनगर पंचायत के जनप्रतिनिधि प्रभारी मुखिया गणेश देवगन ने एक वर्ष पहले पेजयल योजना के तहत 14 वित्त आयोग मद द्वारा 3.16 लाख की राशि से एक सौर ऊर्जा से संचालित जलमीनार लगाया था। जो कुछ दिन चलने के बाद अब 4 महीनों से बंद पड़ा है ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी जनप्रतिनिधि को की थी ।किंतु प्रभारी मुखिया ग्रामीणों की समस्या को नजरअंदाज करते आ रहे हैं।
चार माह से मिल रहा है आश्वासन
4 महीने से केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है। कि इस सोलर पंप को बना दिया जाएगा । इसी प्रकार एक और सोलर पंप राजनगर टू से सटे चांगुआ गांव में लगाया गया है। वह भी लगभग 6 महीनों से बंद पड़ा है केवल नलकूप से पानी निकल रहा है यही कारण है कि अब ग्रामीण भी जनप्रतिनिधि से खासे नाराज हैं। राजनगर टू की इतनी बड़ी जनसंख्या में एक वर्ष पहले दो सोलर पंप मुखिया फंड द्वारा लगाया गया था। जिसमें से एक सोलर पंप कई महीनों से खराब व बंद पड़ा हैं। और मात्र एक सोलर पंप से पानी निकल रहा है। जिससे ग्रामीण महिलाएं सवेरे से शाम तक पानी लेती हैं। ग्रामीण महिलाएं अब जिस सोलर पंप से पानी ले रही है उसमें भी आधे घंटे बाद पानी निकलना बंद हो जाता है। जिसके बाद महिलाओं को कई घंटों तक पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है। गांव में कोई तालाब व कुआं भी नहीं है।बस एक सोलर पंप से पूरा राजनगर टू आश्रित है। इसी पंप के पानी से अपनी प्यास बुझाते और इसी पानी से घर में उपयोग की जाने वाली सभी काम किए जा रहे हैं।