चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में चिंड़िया खनन क्षेत्र के विकास एवं खनन कार्य में लगे मजदूरों की समस्या के संबंध में एक समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में स्थानीय खनन कार्यों के साथ कंपनी के द्वारा संचालित अन्य सभी प्रकार के कार्यों में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देने संबंधित मुद्दों पर विशेष रूप से विचार विमर्श किया गया। झारखंड राज्य की महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में मुख्य रूप से सांसद गीता कोड़ा, जिला उपायुक्त अरवा राजकमल, एसपी अजय लिंडा, सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, चक्रधरपुर अनुमंडल पदाधिकारी तथा चिड़ियां माइंस के महाप्रबंधक, प्रोजेक्ट मैनेजर, मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि एवं खनन कार्य में लगे कांट्रेक्टर के प्रतिनिधि मौजूद थे।
बैठक के उपरांत मंत्री जोबा मांझी के द्वारा बताया गया कि बैठक में चिड़िया माइंस से जुड़े मामलों को लेकर क्षेत्र की सांसद एवं जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के उपस्थिति में बैठक आयोजित हुई। मजदूरों के द्वारा बार-बार किए जा रहे आंदोलन को लेकर माइंस प्रबंधन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की गई है। उन्होंने बताया कि यह माइंस से मजदूरों की छंटनी क्यूँ की जा रही है इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं होना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज के बैठक में यह निष्कर्ष आया है कि हर हाल में स्थानीय श्रमिकों को तरहीज दिया जाएगा और प्रबंधन ने भी इस बात पर सहमति जताई है। बैठक में उपस्थित सांसद गीता कोड़ा ने बताया कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले इसके लिए पहल की गई है। बैठक में काफी सकारात्मक बातें भी हुई हैं तथा उचित निर्देशन के साथ प्रबंधन को 15 दिनों का समय दिया गया है। जिसमें उन्हें बताना है कि प्रबंधन के द्वारा वर्तमान परिस्थिति में कितना रोजगार सृजन किया जा सकता है और कितने अधिक से अधिक श्रमिकों को काम दिया जाएगा।