जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा में संक्रमण काल में भी एंबुलेंस की उपलब्धता ना हो पाना स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है। ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला। आम के पेड़ से नीचे गिरने की वजह से एक बच्चे के हाथ-पैर टूट गए थे। परिजन परेशान हो गए कि अस्पताल कैसे ले जाए, क्योंकि एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी। बच्चा लगातार दर्द से कराह रहा था। ऐसे में परिजनों ने जुगाड़ का सहारा लिया और ठेले को एंबुलेंस बना बच्चे को अस्पताल पहुंचाया। खास बात यह रही कि मरीज को जब घर आना था, तब भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों की लापरवाही इतनी हद तक रही कि बच्चे को ठेले से ही घर वापस लाना पड़ा। ठेले से मरीज को लाने और ले जाने की बाद चर्चा में है। गरीब और लाचार लोगों को आज भी इलाज के लिए अस्पताल तक जाने और अस्पताल से अपने घर तक पहुंचने के लिए एक एंबुलेंस तक नही मिल पा रही है। बहरागोड़ा के कुलडिहा गांव निवासी तनु नामता के 13 वर्षीय पुत्र समय नामता आम के पेड़ से गिर गया था। उसका एक बायां पैर और बायां हाथ टूट गया था। उसे एक्स-रे कराने के लिए बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसके परिजनों द्वारा ठेले से लाया गया। इधर, अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस की मांग नहीं की थी। इस वजह से अस्पताल से अपने घर तक जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दिया गया।
मरीज को घर वापस ले जाते वक्त भी उसे एंबुलेंस की मुहैया नहीं कराई जा सकी। इस संबंध में जब बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं, जिले के सिविल सर्जन डॉ. एके लाल ने कहा कि अगर ठेले में किसी मरीज को लाया गया है तो यह गलत बात है। इसको संज्ञान में लेकर जांच करेंगे। दोषी के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को संज्ञान ले लेना चाहिए था, इस पर उन्हें जवाब तलब किया जाएगा।