जमशेदपुर : आदिवासी कुड़मी समाज कुकड़ु प्रखंड कमेटी के अंतर्गत जानुम गांव में कोविड-19 का अनुपालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से आज हुल विद्रोह के महानायक शहीद चानकु महतो (परगनेत) का 165 वीं शहादत दिवस पर कुड़मालि नेगाचारि मत से आम पत्ता का माला और आम पत्ता धुप धुना अर्पित करें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा को मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित आदिवासी कुड़मी समाज जिला सरायकेला खरसावां सह पूर्वी सिंहभूम संयोजक मंडली सदस्य प्रकाश महतो ने अपने संबोधन में कहा कि चानकु महतो का जन्म 9 फरवरी 1816 को गाेड्डा स्थित रांगामाटिया गांव में हुआ था l वे आदिवासी कुड़मी समाज के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था में परगनैत थे l उस समय देश में अंग्रेजाें का शासन था l उनके द्वारा रैयताें से जमीन छीन कर दिकू महाजनाें को दिया जा रहा था l स्थानीय लोगों की परंपरागत अधिकाराें का हनन किया जा रहा था l इसके खिलाफ चानकु महताे ने मूल रैयताें काे संगठित किया थाl इस बीच राजमहल पहाड़ी के पूर्वी भाग में सिदो-कान्हू के नेतृत्व में संथाल आदिवासी रैयत अंग्रेजाें, महाजनाें के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे l चानकु महताे ने सिदो-कान्हू के नेतृत्व काे मानते हुए अपने आंदाेलन काे संथाल विद्राेह के साथ जाेड़ा l सभा का अध्यक्षता डॉ बिभिशन महतो बंसरिआर ने की। संचालन जिला सरायकेला खरसावां संयोजक पंचानन महतो ने और धन्यवाद ज्ञापन शशिभूषण महतो सांखुआर ने किया।
ये थे मौजूद
कार्यक्रम को सफल करने में रमानाथ महतो पुनरिआर, हेमन्त महतो, सुखदेव महतो केटिआर, गाजिराम महतो हांसतुआर, सिमंत महतो हांसतुआर, बाबलु महतो और मंगल महतो बंसरिआर आदि उपस्थित थे।