जमशेदपुर : आदिवासी कुड़मी समाज 10 से 16 मई तक केन्द्रीय स्तर पर “जंगल जिआउ हमदुमि” सप्ताह मना रही है। इस अवसर पर छठे दिन कुकड़ु प्रखंड कमेटी के अंतर्गत जानुम गराम(गड़ाम) थान में साल के पौधे और बेल का पेड़ लगाये गये। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आदिवासी कुड़मि समाज जिला सरायकेला खरसावां सह पूर्वी सिंहभूम संयोजक मंडली सदस्य प्रकाश महतो ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि जंगल जिआउ हमदुमि के तहत समाज द्वारा पेड़-पौधों को पानी से सींचना या फलदार व छायादार पेड़ एवं औषधीय पौधे लगाना और उन्हें संरक्षित करना शामिल है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया को पेड़-पौधों और प्रकृति के महत्व के बारे में संज्ञान दिलाना है। एक ओर जहाँ मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए विकास का झूठा दंभ भरते हुए प्राकृतिक ऑक्सीजन के स्रोत पेड़-पौधों को बेतहाशा
नष्ट कर रहे हैं। वहीं करोड़ों-अरबों खर्च कर कृत्रिम ऑक्सीजन तैयार करने की जरूरत पड़ रही है। जंगलों की अंधाधुंध कटाई, पहाड़ों की बेतरतीब खुदाई और नदियों का बेहिसाब दोहन बंद करना होगा। प्रकृति के साथ नाजायज खिलवाड़ करना बंद करना होगा, वरना प्रकृति अपना हिसाब अपने तरीके से लेते रहेगी। गराम(गड़ाम) थान में पेड़ लगाने के दौरान लाया भरत सिंह पातर, कार्तिक सिंह पातर का सहयोग मिला।
ये थे मौजूद
मौके पर मुख्य रूप से पंचानन महतो,, डॉ बिभिशन महतो बंशरिआर, शशिभूषन महतो सांखुआर, रमानाथ महतो पुनरिआर, सिमंत महतो हांसतुआर, हेमंत महतो, मंगल महतो बंसरिआर, रधुनाथ महतो, गाजिराम महतो हांसतुआर, पशुपति महतो, खुदीराम महतो आदि उपस्थित थे।