जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम प्रखंड के मुकरूडीह गांव में करीब दो साल पहले करीब 50 लाख की लागत से बना निर्मल योजना के तहत जलमीनार बनकर तैयार हुआ, लेकिन उद्देश्य की पूर्ति से पहले ही सफेद हाथी सिद्ध हो गया।किसी भी घर को समय पर पानी नहीं मिल पाया। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में जनता की सुविधा के उद्देश्य से योजनाओ को धरातल पर लाने के लिए योजनाओं भेजती है।योजनाओ को संवेदक किसी प्रकार से निर्माण भी कर देते हैं, लेकिन जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए योजना का चयन किया जाता हैं।वह धरातल पर जाकर शून्य हो जाता है।ग्रामीण अंबुज महतो के बताया की जनता के पैसे से सरकार द्वारा बड़ा पानी टंकी बना दिया, लेकिन गांव की जनता को इस योजना का कुछ भी लाभ नहीं मिल रहा हैं।स्कूल परिसर में बनने से बच्चो के ऊपर एक भय पैदा हो गया है कि कहीं किसी प्रकार पानी टंकी जर्जर होकर गिर जाता है।तो बच्चे दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।सरकार को भी इस गंभीर समस्या को लेकर समाधान करना चाहिए।इस योजना के निर्माण में पेयजल विभाग , संवेदक, जल सहिया सहित कई जिम्मेदार लोगो की ओर सवाल खड़े हो रहे हैं।