सरायकेला-खरसावां : जिले के चांडिल प्रखंड स्थित चांडिल डैम का जलस्तर 181.20 मीटर पर पहुंच गया है। इस वर्ष चांडिल डैम का जलस्तर पहली बार 181.20 मीटर पर पहुंचा है। बुधवार की शाम चांडिल डैम का जलस्तर 181 मीटर पर था।चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने के बाद करीब एक दर्जन विस्थापित गांव के दहलीज में डैम का पानी प्रवेश करने के कगार पर पहुंच गया है। डैम का जलस्तर बढ़ने से ईचागढ़, मैसढा, कालीचामदा, बाबू चामदा, गाढ़ाडीह, लेप्सडीह ,लावा, काशीपुर,
बाँधडीह, केन्दाआंदा, बांदावीर आदि विस्थापित गांव में डैम का पानी दहलीज पर पहुंच गया है। विस्थापित गांव में डैम का पानी घुसने के कागार पर आने से विस्थापितों में भय का माहौल बन गया है। लोग सुरक्षित जगहों पर जाने का मन बना रहे है। वर्ष 2017 में चांडिल डैम का जलस्तर सबसे अधिकतम 182.65 मीटर पर पहुंचा था। चांडिल डैम का बढ़ते जलस्तर को देखते हुए रांची लोकसभा भाजपा सांसद संजय सेठ ने दूरभाष पर सरायकेला- खरसावां के उपायुक्त से बात की तथा डैम का जलस्तर 180 मीटर से कम रखने की बात कही। संजय सेठ ने कहा कि डैम का जलस्तर कम नहीं होती है तो वे भाजपा कार्यकर्ता के साथ मिलकर धरना पर बैठेंगे। इधर डैम का लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए झामुमो के वरिष्ठ नेता सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि विभाग झमुमो कार्यक्रताओ की धैर्य की परीक्षा ना ले तथा कोरोनाकाल और विस्थापितों की परेशानी को देखते हुए अविलंब डैम का फाटक खोले।