चाईबासा : कोरोना की दूसरी लहर में जहां पूरे देश में जान बचाने के लिए हाहाकार मचा हुआ था वहीँ चक्रधरपुर रेल मंडल में देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने का जज्बा रेलकर्मियों ने दिखाया है। रेलकर्मियों ने संक्रमण के खतरों के बीच सरकार का खजाना दुगनी रफ़्तार से भर दिया है। चक्रधरपुर रेल मंडल ने पिछले साल की तुलना में कोरोना की दूसरी लहर में माल ढुलाई से लगभग दोगुनी कमायी की है जो की अबतक का सबसे बड़ा रिकोर्ड माना जा रहा है। माल ढुलाई से चक्रधरपुर रेल मंडल ने बड़े पैमाने राजस्व अर्जित कर देश के आर्थिक ढाँचे को इस कोरोना काल में मजबूत करने का उल्लेखनीय काम किया है। चक्रधरपुर रेल मंडल में इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में लौह अयस्क के साथ साथ सीमेंट, कोयला, फ्लाई ऐश समेत अन्य सामग्रियों की ढुलाई में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी देखि गयी है. वर्ष
2020-21 में अप्रैल से जून तक 24.45 मिलियन टन की ढुलाई हुई थी. जबकि इस वर्ष 2021-22 में अप्रैल से 20 जून तक 32.32 मिलियन टन की ढुलाई कर अबतक के सारे रिकोर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साल इसी अवधि में चक्रधरपुर रेल मंडल ने तक़रीबन 1125 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जन माल ढुलाई से की थी, इस साल इसी अवधि में रेलवे ने 2001 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का राजस्व अर्जित कर देश का खजाना लगभग दुगनी रफ़्तार से भर दिया है। तक़रीबन 78 प्रतिशत के राजस्व अर्जन में बढ़ोत्तरी पिछले साल की तुलना में इस साल दर्ज की गयी है। चक्रधरपुर रेल मंडल के वरीय वाणिज्य प्रबंधक मनीष कुमार पाठक ने बताया की कोरोना के विषम परिस्थिति में भी मंडल के रेलकर्मियों ने पूरी ताकत, ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इसी का नतीजा है की कोरोना काल में भी मंडल ने राजस्व अर्जन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मनीष कुमार पाठक ने चक्रधरपुर रेल मंडल के तमाम रेलकर्मियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।