चाईबासा : वैश्विक महामारी कोविड-19 ने काफी कुछ बदलकर रख दिया है। इसका सबसे गहरा प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अभिभावक बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई तो बाधित होगी। चाईबासा सदर प्रखंड के नीमडीह ग्रामसभा में इसका समाधान निकाल लिया है। यहां एक बार फिर से पुरानी गुरुकुल परंपरा शुरू हो गई है। गांव के जो बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उन्होंने छोटे बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है और पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठाकर हर दिन 2 घंटे पढ़ाई कराई जाती हो। डेविड पुरती, पूजा पुरती और शांति कुंकल, इन तीन युवाओं ने गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय नीमडीह के प्रभारी शिक्षक कृष्णा देवगम कहते हैं कि जैसी व्यवस्था चल रही है उसमें निचली कक्षाओं के बच्चे बिना कुछ पढ़े आगे की कक्षा में चले जाएंगे तो उन्हें कोई अक्षर ज्ञान नहीं हो पाएगा। ग्रामसभा की ओर से बच्चों की शिक्षा के लिए यह व्यवस्था की गई है, जो काफी कारगर साबित हो रहा है। एंड्राइड फोन नहीं होने के कारण बहुत से बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो रही थी। पिछले 1 सप्ताह से यह नई व्यवस्था शुरू की गई है।