जमशेदपुर : आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से भारत के 5 प्रदेश झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम में विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन विभिन्न जगहों पर संकल्प दिवस के रूप में किया गया और आदिवासियों के संरक्षण और प्रोन्नति के लिए भारत के राष्ट्रपति को 7 सूत्री मांगपत्र प्रेषित करने का फैसला लिया गया। जिसमें सरना धर्म कोड की मान्यता, संताली को हिंदी के साथ झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाने, सीएनटी एसपीटी कानून की रक्षा, झारखंडी डोमिसाइल लागू करने, असम-अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को एसटी का दर्जा देने, विस्थापन पलायन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोक लगाने तथा रामेश्वर मुर्मू और रूपा तिर्की के संदिग्ध मौतों के सीबीआई जांच करने की मांग शामिल है। करनडीह, जमशेदपुर, झारखंड में सेंगेल ने विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम संकल्प सभा के रूप में आयोजित किया। जिसकी अध्यक्षता कोल्हान जोन के अध्यक्ष जूनियर मुर्मू ने की। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के रूप में क्रमशः पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू शामिल हुए।
ये लिया गया है संकल्प
(1)आदिवासी समाज तभी बचेगा जब उसकी हासा, भाषा, जाति, धर्म, ईज्जत, आबादी, रोजगार, चास- बास आदि बचेगा। मगर जो नेता और संगठन अबतक इन ज्वलंत मुद्दों पर चुप रहते हैं वे वास्तव में आदिवासियों को ठगने का काम कर रहे हैं।
(2) झारखंड प्रदेश बचेगा तभी बृहद झारखंड और भारत के आदिवासियों का अस्तित्व पहचान और हिस्सेदारी बचेगा। जो आज विगत 20 वर्षों के बावजूद अधिकांश भ्रष्ट और स्वार्थी आदिवासी नेताओं के कारण लुटने मिटने की कगार पर खड़ा है।
संकल्प सभा में ये थे शामिल
विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित संकल्प सभा में बिमो मुर्मू, बिरसा मुर्मू, डॉ सोमाय सोरेन, सीताराम माझी, डॉ पी आर मार्डी, सिंगराई सोरेन, पूर्णिमा पिंगवा, फुलमनी पिंगवा, मनोज कुमार मुर्मू, नस्मि हांसदा, छिता मुर्मू, सिदो मुर्मू, अश्वनी पिंगवा आदि शामिल थे। धन्यवाद ज्ञापन कोल्हान जोन सेंगेल परगना सीताराम माझी ने किया।