जमशेदपुर : भाजपा के पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने जिले के डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को 7सूत्री मांगपत्र सौंपा है। मांगों पर सकारात्मक पहल करने की भी मांग सालखन मुर्मू ने की है। इसकी एक कॉपी झारखंड के राज्यपाल को भी भेजी गई है।
1. 2021 की जनगणना में प्रकृति पूजक आदिवासियों को सरना धर्म कोड प्रदान किया जाय। हमारी मांग है भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को 2021 की जनगणना में भारत सरकार सरना धर्म कोड देकर सम्मानित और शामिल करें। यदि केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है तो भारत के आदिवासी अन्य अन्य ( ंल्ल८ ङ्म३ँी१ ) कॉलम में सरना धर्म लिखेंगे और अपनी संघर्ष जारी रखेंगे। 2011 की जनगणना में सरना धर्म लिखाने वालों की संख्या लगभग 50 लाख थी। 2021 में इसे दो करोड़ से ज्यादा करने की कोशिश होगी। जो बौद्ध धर्म ( 84 लाख ) और जैन धर्म (44 लाख ) से ज्यादा हो जाएगी और सिख धर्म के करीब हो जाएगी। सरना धर्म आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, सोच, संस्कार और अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी का घोतक है। हम प्रकृति पूजक आदिवासी जबरन हिंदू या ईसाई आदि बनाए जाने के खिलाफ हैं। यह हमारे मौलिक अधिकार पर हमला है। 2. संताली को हिंदी के साथ संविधान के अनुच्छेद 345 के तहत झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाया जाए और हो, मुंडा, कुड़ुख, खड़िया आदि भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। 3. झारखंडी डोमिसाइल लागू हो और अन्य संवैधानिक- कानूनी अधिकारों की रक्षा की जाए। 4.सीएनटी /एसपीटी कानून की रक्षा करते हुए वीर शहीदों सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा के वंशजों के सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि के लिए दो ट्रस्टों का गठन किया जाए। 5. आसाम- अंडमान आदि के झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा प्रदान किया जाए। 6. विस्थापन- पलायन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोक लगाया जय। 7. शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू ( 12.6.2020) और रूपा तिर्की ( 3.5.2021) के संदिग्ध मौतों की सी बी आई जाँच हो।