जमशेदपुर : शहर के रामनगर कदमा की रहने वाली निशा कुमारी फिलहाल रांची बीआइटी मेसरा से केमिस्ट्री में पीएचडी कर रही है। उसने नैनोसेल्यूलोज पर आधारिज हाइड्रोजेल और उसके अनुप्रयोग पर एक लेख लिखी है। इस लेख को पुस्तक सेल्यूलोज नानोपार्टिकल्स में प्रकाशित किया गया है।
अध्याय 21 में है उल्लेख
निशा की लिखी लेख को पुस्तक के अध्याय नंबर 21 में स्थान दिया गया है। यह चैप्टर किताब है। जिसे रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री में प्रकाशित हुई है। निशा ने किताब में यह बताने का प्रयास किया है कि हाइड्रोजेल का उपयोग पानी, दवाई व अन्य जगहों पर कैसे किया जाता है। यह किताब अध्याय नैनोसेल्यूलोज हाइड्रोजेल के बारे में है। अंगों का विकास, कार्टिलेज पुर्न जन्म, बायोसेंसिंग, घाव भरने, दवा वितरण और इसके गैर विषैले पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण 3-डी प्रिंटिंग तकनीक के लिए आगामा ऊत्तक इंजीनियरिंग में विभिन्न जैव चिकित्सा अनुप्रयोग है। नैनोसेल्यूलोज आधारित हाइड्रोजेल को उन्नत सामग्री के रूप में माना जा सकता है। इसके विभिवन्न गुण इसे विभिन्न क्षेत्रों मे लागू करने के लिए बहुमुखी उत्पाद बनाते हैं।
चर्च स्कूल बेलडीह की है छात्रा
निशा चर्च स्कूल बेलडीह की छात्रा है। उसने इसी स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की है। उसने जमशेदपुर महिला कॉलेज से स्नातक की है। इसके अलावा वनस्थली विद्यापीठ से स्नातक की है और फिलहाल बीआइटी मेसरा से केमिस्ट्री मे पीएचडी कर रही है।
डॉ. सुमित मिश्रा से मिली है प्रेरणा
लेख लिखने की प्रेरणा निशा को पर्यवेक्षक डॉ. सुमित मिश्रा से मली है। इसके लिए निशा उनका आभार व्यक्त करना नहीं भुलती हैं। इस लेख को एक अद्भुत यात्रा बताया है।
पिता हैं अधिवक्ता
निशा के पिता का नाम विक्रम सिंह हैं और वे जमशेदपुर कोर्ट में जाने-माने अधिवक्ता हैं। मां पुनम देवी गृहिणी हैं। इसके अलावा दो बड़े भाई हैं। रत्नेश कुमार सिंह एक बिजनेश मैन हैं और मनीष कुमार सिंह चाटर्ड अकाउंटेंट हैं। बहन नेहा कुमारी बीआइटी से पीएचडी कर रही है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू की है भतिजी
निशा की बात करें तो वह जमशेदपुर शहर के जाने-माने अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू की भतिजी है। लेख लिखने और प्रकाशित होने पर उन्होंने निशा को बधाई दी है और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।