◆पिता को बेटे के अंतिम संस्कार का भी नहीं मिला मौका, कपड़े से पहचान
◆50 किलोमीटर और 40 मिनट के फासले में मिला धनराज भारती का शव
◆30 नवम्बर को पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से हुआ था लापता
चक्रधरपुर : पुरषोत्तम एक्सप्रेस से लापता रेलवे इंजिनियर धीरेन्द्र कुमार के बेटे धनराज भारती का शव मिला है। यह शव हजारीबाग जिले के चलकुशा थाना क्षेत्र में रेल पटरी के किनारे एक नाले में पड़ा मिला है। सबसे दुखद बात यह है की एक पिता को अपने बेटे का अंतिम संस्कार का भी मौका नहीं मिला। चलकुशा थाना की पुलिस ने शव को शवगृह में रखना छोड़ उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पिता ने अपने बेटे की पहचान उसके कपड़े और पुलिस द्वारा दिखाई गयी शव के तस्वीर से किया है। इस घटना ने रेलवे के सुचना तंत्र और आरपीएफ व जीआरपी की कार्रवाई पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
चरवाहे ने देखा शव
धनराज 30 नवम्बर को दिन के ग्यारह बजे लापता हुआ था। लापता होने के बाद धनबाद रेल मंडल के डीआरएम तक यह खबर महज आधे घंटे में पहुँच गयी थी। चक्रधरपुर से लेकर धनबाद रेल मंडल के सभी विभागों को अलर्ट किया गया था। लेकिन रेल पटरी के किनारे दो दिसंबर को धनराज का शव एक चरवाहे ने देखा और इसकी सुचना पुलिस को दी। इस पुरे मामले में रेलवे का सुचना तंत्र सोया रहा। लोकल पुलिस ने धनराज के शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
अपहरणकर्ताओं ने की हत्या : पिता
चक्रधरपुर रेल मंडल में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत धीरेन्द्र कुमार का अब भी कहना है की उनके बेटे की ट्रेन में अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी। उनका अनुमान है की बच्चे को ट्रेन में अपहरण कर शौचालय में छिपाकर रखा गया होगा, इसके बाद बच्चे की खोज जोर शोर से होता देख अपहरणकर्ता ने उसकी जान ले ली और चलती ट्रेन से बाहर उसे फेंक दिया। तक़रीबन 50 किलोमीटर का फासला और 40 मिनट के अंतराल में इतना सबकुछ हुआ लेकिन धनराज को बचाया नहीं जा सका। इस घटना की सुचना से चक्रधरपुर मंडल में शोक की लहर दौड़ गयी है।