जमशेदपुर : भारत में रेलवे सिर्फ एक सेवा ही नहीं बल्कि एक बहुत ही बड़ी व्यवस्था है। इसके लिए अलग से मंत्रालय भी है। 2013 में यात्री सेवा के मामले में भारत ने बाजी मारी थी। फ्रेट सेवा के मामले में अमेरिका ने सबको पछाड़ दिया है। रेल नेटवर्क में भारत का स्थान चौथे नंबर है जबकि अमेरिका पहले नंबर पर है। भारत का रेल नेटवर्क है 65 किमी. लंबाभारत का रेल नेटवर्क 65,000 किलोमीटर लंबा है, जिसे भारतीय रेलवे संचालित करता है, जो सरकार के अधीन है। 2013 में भारतीय रेलवे ने करीब 8 अरब यात्रियों को सेवाएं दी हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई के मामले में भारत करीब 1.01 मिलियन टन के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर है। भारतीय रेल नेटवर्क 17 जोन में बंटा हुआ है। इसके तहत रोजना करीब 19,000 ट्रेनें चलती हैं। इनमें करीब 12,000 पैसेंजर ट्रेन और करीब 7,000 फ्रेट ट्रेन हैं। भारत 2017 तक इसमें 4,000 किलोमीटर की नई रेल लाइन जोड़ने की योजना बना रहा है।
अमेरिका है पहले नंबर पर
इसकी कुल लंबाई 2,50,000 किलोमीटर है। इसमें से यात्रियों के लिए सिर्फ 35,000 किलोमीटर हिस्सा है। बाकी का करीब 80 फीसदी हिस्सा फ्रेट लाइनों की है। यहां पर फ्रेट रेल में करीब 538 रेल रोड हैं। इसमें 7 क्लास-1, 21 रीजनल और 510 लोकल रेल रोड हैं। ये सभी प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन चलाते हैं। देश में चार चरणों में 2030 तक 27,000 हजार किलोमीटर का नेशनल हाई स्पीड रेल सिस्टम बनाने की भी योजना है।
चीन दूसरे पायदान पर
किलोमीटर की लंबाई के साथ चीन ने रेल नेटवर्क के मामले में दूसरे पायदान पर है। यह रेल नेटवर्क चीन रेलवे कॉरपोरेशन संचालित करता है। 2013 में 2.08 अरब लोगों को रेल सेवाएं दी, जो कि भारतीय रेलवे के बाद दूसरा सबसे अधिक आंकड़ा है। दूसरी ओर 2013 में चीन रेलवे कॉरपोरेशन ने 2013 में 3.22 अरब टन फ्रेट की ढुलाई की है। अमेरिका के रेल नेटवर्क के बाद दूसरा सबसे अधिक आंकड़ा है। चीन में रेल यातायात का प्राथमिक साधन है। देश की रेल का 90,000 किलोमीटर का हिस्सा सामान्य है, जबकि 10,000 किलोमीटर का हिस्सा हाई स्पीड ट्रेन की है। 2050 तक चीन के रेल नेटवर्क को बढ़ाकर 2,70,000 किलोमीटर तक करने की योजना है।
रूस है तीसरे नंबर पर
किलोमीटर के रेल नेटवर्क के साथ रूस तीसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क वाला देश है। इसे रशियन रेलवे संचालित करता है। 2013 में रशियन रेलवे ने करीब 1.08 अरब यात्रियों को सेवा दी थी और करीब 1.2 अरब टन माल की ढुलाई की थी, जो अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे अधिक आंकड़ा है।रशियन रेलवे में मुख्य रूप से 12 लाइनें हैं, जिनमें से अधिकतर सीधे यूपियन और एशियन देशों के रेलवे सिस्टम से जुड़ी हैं। इनमें फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, चीन, मंगोलिया और उत्तरी कोरिया प्रमुख हैंट्रांस साइबेरियन रेलवे (मॉस्को से व्लादिवोस्टक) लाइन 9,289 किलोमीटर के साथ दुनिया की सबसे लंबी और व्यत रहने वाली लाइनों में से एक है।
कनाडा है पांचवें नंबर पर
दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा रेल नेटवर्क कनाडा का रेल नेटवर्क है। इसकी कुल लंबाई 48,000 किलोमीटर है। देश में यात्री रेल सेवा करीब 12,500 किलोमीटर की है, जो ‘वाया रेल’ की तरफ से संचालित की जाती है।कनैडियन नेशनल रेलवे और कनैडियन पैसिफिक रेलवे देश के दो प्रमुख ऐसे रेल नेटवर्क हैं, जो फ्रेट की सेवा प्रदान करते हैं। एल्गोमा सेंट्रल रेलवे और ऑन्टेरियो नॉर्थलैंड रेलवे देश की सबसे छोटी रेल लाइनें हैं जो कुछ ग्रामीण इलाकों में सेवाएं प्रदान करती हैं। मोंटरियल, टोरंटो और वैंकोवेर तीन ऐसे शहर हैं, जहां काफी बड़ा रेल सिस्टम है।