जमशेदपुर : मुसाबनी प्रखंड के पनिपाल गांव में दिव्यांग सुनील सोरेन अपने आंगन के भीतर जीवन जीने को विवश है। पिता लखाई सोरेन मेहनत मजदूरी करके पेट पालते हैं। उसमे भी उसका सारा समय अपने बेटे की सेवा में बीतता है। इस कारण वह काम पर भी समय पर नहीं जा पाते हैं। वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। सुनील सोरेन पैर से दिव्यांग है। वह चल फिर नहीं पाता है। आधार कार्ड नहीं होने से वह सरकारी सुविधा से वंचित हैं। घर नहीं होने के कारण वह आंगन में जीवन काटता है। पिता ने पक्का मकान बनाने की कोशिश की थी। वह भी रुपये के आभाव में अधूरी है। समय के साथ अधूरा मकान भी ढह गया। सरकारी राशन भी कुछ माह पहले से मिलना शुरू हुआ है। अभी तक सुनील की पीड़ा किसी ने नहीं सुनी है। वह अपने दिन फिरने की बाट जोह रहा है। वह घर से बाहर निकलकर खुली हवाओं में सांस लेना चाहता है। उसे लगता है कि ट्राई साइकिल की सुविधा मिलने से उसे नया जीवन का आभाष होगा।