सरायकेला-खरसावां : पूजा उत्सव को लेकर सरकार के द्वारा अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं होने से मूर्तिकार उधेड़बुन में है। गणेश पूजा और विश्वकर्मा पूजा नजदीक है, प्रशासन के द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने से मूर्तिकार असमंजस में है कि पिछले वर्ष की तरह अगर बड़ी मूर्ति बना लिए तथा बाद में उसे आकार में कहीं छोटा न करना पड़ जाए इससे उनकी मुसीबत और बढ़ जाएगी।जबकि मूर्ति बनाने का ऑर्डर भी आ रहे है। इस उधेड़बुन के बीच मूर्तिकार बड़े से ज्यादा छोटी मूर्तिया ही बना रहे है। मूर्तिकार सनथ दत्त ने
बताया कि कोरोना संक्रमण ने उनके इस व्यवसाय को काफी प्रभावित किया है। कोरोना के पहले करीब 50 मूर्ति बनाते थे, अब मुश्किल से 30 के आसपास ही मूर्ति बना रहे है। इतने कम मूर्ति बनने से स्टाफ को पैसा देना भी मुश्किल हो रहा है। बढ़ती महंगाई भी उनके व्यवसाय को काफी नुकसान किया है।वे चाहते है कि पूर्वजों इस व्यवसाय को उनके बेटे नहीं अपनाए। इधर, रुचाप के मूर्तिकार पुराण रुहिदास ने बताया कि कोरोना के पूर्व वे 18 से 20 छोटी बड़ी मूर्ति बनाते थे वहीं, कोरोना संक्रमण के बाद अब मात्र आठ मूर्ति ही बना रहे है। गाइडलाइन के इस असमंजस के बीच मूर्ति के ऑर्डर भी कम आ रहे है। मूर्तिकार को भरोसा है कि आने वाले समय मे हालात सुधरेंगे तथा फिर से वहीं रौनक लौटेगी। बरहाल, असमंजस के बीच मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप देने के लगे हुए है।