जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड से महज दो किमी. की दूरी पर स्थित पटमदा बस्ती के ग्रामीण समस्याओं के समाधान की आस लगाए बैठे हुए हैं।ग्रामीणों के समक्ष सड़क, बिजली और पेयजल की समस्या मुंह बाए खड़ी है। मुख्य सड़क करीब दस साल पूर्व बनने से पूरी तरह जर्जर हो गई हैं।
एक चापाकल पर निर्भर है 70 परिवार
पेयजल के लिए पीने लायक पानी सिर्फ एक सार्वजनिक चापाकल से मिलता हैं । इसमे कुल 70 परिवार निर्भर है।बाकी चापाकल बेकार पड़े हैं। बिजली के तार भी जर्जर हो गए हैं।जो दुर्घटना का आमंत्रित कर रही है।ग्रामप्रधान फुलचांद महतो ने बताया की हमारा गांव प्रखंड से कुछ दूरी पर होने के बाद भी कई समस्याएं हैं। इसको लेकर समाधान की आस में लोग आंखे बिछाए बैठे हैं। गांव की मुख्य सड़क का निर्माण पटमदा बस्ती से बास्तोला तक करीब चार किमी. सड़क करीब दस साल पहले बनी जो पूरी तरह जर्जर हो गई है।
सड़क पर निकल आए हैं पत्थर
सड़क पर पत्थर निकल गए है। गांव की बिजली समस्या भी तार के जर्जर हो जाने से बढ़ गई है। बिजली के तार झूल जाने से सड़क पर बड़ी गाडियां चलने से भय लगा रहता है। पुआल की गाडियां डर से गांव तक नहीं आती है।चापाकल करीब आधा दर्जन खराब है।पेयजल विभाग इसको लेकर तनिक भी गंभीर नहीं हैं।एक चापाकल पर 70 परिवार निर्भर होकर प्यास बुझा रहे हैं।