Jamshedpur : तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का झारखंड के कोल्हान में मिलाजुला असर दिखा। बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के नेता सडक पर उतर जरूर , लेकिन जोर-जबर्दस्ती नहीं की। पुलिस की सख्ती दिखी। कोल्हान के तीनों जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां में स्थिति कमोवेश समान रही।
इसी क्रम में जमशेदपुर के शहरी क्षेत्रों साकची, मानगो, बिष्टुपुर में बंद असरदार रहा, तो बारीडीह, सिदगोड़ा और अन्य क्षेत्रों में बंद का मिला जुला असर दिखाई दिया। कहीं कहीं बंद समर्थको के पहुँचते ही दुकानें बंद हुईं और उनके वहां से गुजरते ही दुकानें पुनः खुल गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में आंशिक असर दिखा। शहर के पौष इलाके साकची व बिष्टुपुर में विभिन्न मजदूर संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से जुलूस निकाला गया। इसमें शामिल लोग केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। सभी किसान बिल को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
साकची बंद कराते झामुमो के कार्यकर्ता
बिष्टुपुर पोस्टल पार्क में विरोध जताते लोग
ग्रामीण क्षत्रो में भी दिखा असर
दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों में करनडीह, परसुडीह और सुन्दरनगर में भारत बंद का आंशिक असर रहा। तीनों जगहों पर पुलिस की तैनाती के कारण बंद समर्थक जबरन दुकानें नहीं बंद करा पाए। हालांकि स्वेच्छा से कुछ दुकानें बंद दिखीं। टाटानगर स्टेशन पर झामुमो नेता बहादूर किस्कू, जमशेदपुर प्रखंड ग्रामीण अध्यक्ष आशीष ठाकुर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जुलूस की शक्ल में सड़कों पर नारेबाजी की। लेकिन किसी दुकान को जबरन बंद नहीं कराया। बंद समर्थकों को देखकर भले ही कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए। लेकिन बंद समर्थकों के जाते ही पुनः दुकानें खुल गईं। साकची हावड़ा ब्रिज के पास बंद समर्थको ने टायर जलाकर प्रदर्शन किया।