Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के बाकुलचंदा गांव में एक जमीन विवाद को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हो गया। इसे लेकर क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिला प्रशासन के पदाधिकारियों को इसकी सूचना दिए जाने के बाद भी किसी तरह के ठोस पहल नहीं होने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। डुमरिया प्रखंड के बांकीशोल पंचायत के बांकुलचंदा गांव स्थित बकुलचंदा हॉट मैदान के पास गांव के ही भीमसेन सोरेन की जमीन का दो प्लॉट है। इन प्लॉट के बीच में ही कुछ हिस्से में सरकारी जमीन भी है, जिस पर इनके परिवार का तकरीबन तीन दशक से कब्ज़ा है। पिछले दिनों झारखंड सरकार के हरित क्रांति बागवानी मिशन के तहत नरेगा के द्वारा भीमसेन की जमीन पर सैकड़ों आम के पेड़ लगाये गए थे। इनकी सुरक्षा के लिए जमीन मालिक ने पिलर गाड़ कर तार से घेराबंदी कर दी थी। जमीन को घेर दिए जाने के बाद अब गांव के ग्रामीणों और ग्राम प्रधान लक्ष्मण हंसदा के नेतृत्व में इस जमीन को हाट की जमीन बताकर इसका विरोध शुरू कर दिया गया है। इसे लेकर दोनों गुटों के बीच आपसी संघर्ष भी बढ़ गया है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत डुमरिया अंचल कार्यालय को लिखित रूप से की थी। जिसके बाद सीओ के द्वारा विवादित जमीन की मापी करवाई जानी थी, लेकिन कुछ कारणवश इसकी मापी नहीं हो सकी। इससे ग्रामीण काफी उग्र हो गए और जमीन पर धावा बोल दिया और घेराबंदी को तोड़ दिया।
नहीं है तनाव की स्थिति : अंचलाधिकारी
इस मामले में डुमरिया अंचलाधिकारी रामनरेश सोनी का कहना है कि एक सरकारी जमीन को लेकर विवाद है, जिसकी जल्द मापी करवाकर इस मामले का जल्द ही समाधान किया जाएगा। अंचलाधिकारी ने इसको लेकर किसी भी तरह के तनाव की स्थिति से इनकार किया है। बरहाल गांव के दोनों पक्षों में आपसी तनाव काफी बढ़ा हुआ है। समय रहते प्रशासन के द्वारा अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो आने वाले दिनों में किसी तरह की अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।