Jamshedpur : मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 जनवरी यानी आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। लेकिन मत भिन्नता की वजह से कुछ लोग 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति का त्योहार मनाएंगे। ईस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करना शुभ माना गया है। मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण होते है। मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर शहर के लोगों ने आज नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान मानगो स्वर्णरेखा, सोनारी दोमुहानी, खरकई नदी, बागबेड़ा बड़ौदा नदी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था, हालाँकि इस बार कोरोना के कारण श्रधालुओं की संख्या काफी कम रही। श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान करने के बाद नदी किनारे धूप-अगरबत्ती जलाकर पूजा-अर्चना की।
मकर संक्रांति दान महिमा
पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि सूर्य के उत्तरायण होने के दिन यानी मकर संक्रांति के दिन दान और सूर्य देव, नवग्रह और देवी-देवताओं की पूजा करने से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य ने शनि देव को वरदान दिया है कि साल में एक बार जब वह शनि देव की राशि मकर में आएंगे तो शनि के घर को संपन्न बनाएंगे। शनि देव ने अपने घर यानी मकर राशि में आने पर सूर्य देव की तिल, गुड़ से पूजा की थी। इस समय से परंपरा चली आ रही है कि मकर संक्रांति के दिन शनिदेव की और सूर्य देव की प्रसन्नता के दिन जरूरतमंदों को ऊनी वस्र, रूई, कंबल, जूते, अन्न, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।