Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रह चुके अमित महतो ने अपनी ही सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन से मांग की है कि खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करें। इतना ही नहीं भोजपुरी, मगही, अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची से तत्काल हटाने की पहल करें। ऐसा नहीं करने पर वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। पूर्व विधायक अमित महतो ने लिखा है- अगर एक महीने के अंदर हेमंत सरकार पुनर्विचार कर खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति नहीं बनाती है और बाहरी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की सूची से नहीं हटाती है तो 20 फरवरी 2022 को झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा दे दूंगा। पूर्व विधायक अमित महतो के पार्टी छोड़ने की धमकी के बाद अब संभावना है कि कई अन्य झामुमो नेता भी खुलकर बयान दे सकते हैं। अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर इन मांगों को लागू करने के लिए दबाव बना सकते हैं। अमित महतो के बयान के बाद पार्टी के भीतर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। वैसे पार्टी के भीतर चर्चा चल रही कि वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक अमित महतो को बहुत जल्द मना लेंगे, ताकि सरकार की बदनामी नहीं हो।