चक्रधरपुर : रेलवे स्टेशन में आरपीएफ के जवानों ने अपनी जान पर खेलकर दो यात्रियों की जान बचाने का साहस से भरा काम किया है। आरपीएफ के जवानों ने रविवार को हुए दो अलग-अलग घटना में दो यात्रियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचा लिया।
पहली घटना चक्रधरपुर स्टेशन में रात को साढ़े 12 बजे प्लेटफार्म संख्या दो नंबर पर घटी। इस वक्त मुंबई से हावड़ा जाने वाली मेल सुपरफास्ट ट्रेन चक्रधरपुर स्टेशन में रुकी। एक यात्री ट्रेन से चक्रधरपुर स्टेशन पर उतरा. कुछ देर बाद ट्रेन जैसे ही टाटा की ओर जाने के लिए चक्रधरपुर स्टेशन से खुलने लगी वह यात्री वापस पलटा और चलती ट्रेन में फिर से सवार होने की कोशिश करने लगा। रफ़्तार बढती ट्रेन में की कोच में चढ़ने के प्रयास में यात्री का पैर फिसला और उसका एक हाथ दरवाजे से छुट गया। यात्री कोच से गिरकर पटरी में ट्रेन के पहियों में जाने ही वाला था की पास मौजूद एसके सैनी नामक एक आरपीएफ जवान ने चलती ट्रेन से गिरते यात्री को लपक कर पकड़ा और उसे संभाल लिया।आरपीएफ जवान ने पूरी ताकत के साथ उसे उठाते हुए बोगी के अन्दर धकेला, जिससे उसकी जान बच गयी। महज चंद सेकेण्ड में इतना सबकुछ हुआ। लेकिन इन्हीं चंद सेकेण्ड में थोड़ी सी भी चूक हो जाती तो यात्री दर्दनाक मौत के गाल में समा सकता था। ये उपरवाले का करिश्मा कहिये या फिर इत्तेफाक जब यात्री का हाथ ट्रेन से छुटा तो आरपीएफ जवान एसके सैनी पास ही मौजूद थे, उसने खुद की परवाह किये बिना यात्री की जान बचाने में अपनी पूरी ताकत और दिमाग दौड़ा दी। बाद में पता चला की यात्री गलती से चक्रधरपुर स्टेशन में उतर गया था उसे अगले स्टेशन टाटानगर में उतरना था। आरपीएफ जवान एसके सैनी चक्रधरपुर आरपीएफ पोस्ट में हवलदार के पद पर तैनात है।
दूसरी घटना रविवार को ही चक्रधरपुर स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक में सुबह साढ़े आठ बजे घटी। यहाँ एक युवक प्लेटफार्म संख्या एक के पटरियों पर दौड़ रहा था। वह युवक अपनी धुन में मग्न लग रहा था। इसी दौरान युवक के पीछे एक मालगाड़ी आने लगी. मालगाड़ी का लोको पायलट हॉर्न बजाता रहा लेकिन युवक पटरी से हटा नहीं। एक हादसे को अंजाम देने की ओर ट्रेन बढ़ता ही जा रहा था। अचानक वहां मौजूद चार आरपीएफ जवान सरना मांडी, इन्द्रजीत कुमार, विकास मीणा, उमराव यादव की नजर ट्रेन के आगे आगे दौड़ते युवक पर पड़ी। ट्रेन और युवक का फासला चार कदम का ही बचा था, लेकिन चारों आरपीएफ जवान ने खुद की परवाह किये बिना युवक को पलक झपकते ही तेजी से खींचकर पटरी से बाहर निकाला और युवक की जान बचा ली। चंद सेकेण्ड की भी देरी होती तो ट्रेन युवक को चपेट में लेता हुआ आगे बढ़ जाता। युवक से पूछताछ के बाद उसके परिजनों से सम्पर्क किया गया। पता चला की युवक मानसिक रूप से कमजोर है, छह महीने उसका ईलाज चल रहा है। युवक का नाम निरेन हेम्ब्रम है और वह चक्रधरपुर के घाघरा गाँव का रहने वाला है। आरपीएफ ने निरेन को उसके भाई को सुरक्षित सौंप दिया। हादसे से बचाकर सुरक्षित भाई को वापस लौटाने पर निरेन के भाई ने आरपीएफ का धन्यवाद किया।