जामताड़ा।
पश्चिम बंगाल में नोटों के साथ गिरफ्तार हुए तीन कांग्रेसी विधायकों के बाद झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गई है। ऐसे में जामताड़ा जिला भी इससे अछूता नहीं है, क्योंकि गिरफ्तार तीन विधायकों में जामताड़ा के विधायक डॉ इरफान अंसारी भी शामिल हैं। विष्णु भैया मेमोरियल फाउंडेशन की संरक्षक समाजसेवी सह पूर्व विधायक विष्णु भैया की पत्नी चमेली देवी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। कल तक जो इरफान अंसारी को अपना बेटा मानती थी, मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके कार्यों की तीखी भर्त्सना की।
चमेली देवी ने कहा कि जब से झारखंड की सरकार बनी है उसे अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में लगे विधायकों की संपत्ति की ईडी से जांच करवाएं। कहा कि विधायक इरफान ने आदिवासी के वोटों से चुनाव जीतकर झारखंड के आदिवासियों को बेचने का काम किया है, जो निंदनीय है। उन्होंने झामुमो सुप्रीमो से भी मांग की है कि जो स्थिति बनी है उसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे पहले पूरे मामले पर कार्रवाई करते हुए ईडी से जांच करवाए और भविष्य में ऐसे विधायकों के लिए गठबंधन नहीं करे। बता दें कि इससे पूर्व झामुमो जिलाध्यक्ष श्यामलाल हेंब्रम ने भी पार्टी से गठबंधप पर पुनर्चिचार करने की मांग की है। चमेली देवी ने कहा की इसी जामताड़ा विधानसभा से लम्बे संघर्ष के बाद विष्णु भैया विधायक बने थे। लेकिन जब झारखण्ड की सरकार पर संकट आया और शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री पद पर ख़तरा आया तो उन्होंने क्षण भर भी देर न करते हुए अपने विधायकी से त्यागपत्र देकर गुरु जी को यहां से विधायक बनवाया था। दूसरी तरफ़ इरफ़ान अंसारी है जो उसी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार को अपदस्थ करने की साज़िश रच रहे थे।