जमशेदपुर। मंगलवार से बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। मथुरा से आये कथा वाचक हिमांशु महाराज ने व्यासपीठ पर आसीन होकर कथा का व्याख्यान करते हुए कहा कि सनातन धर्म में चार वेद बताये गये हैं, लेकिन श्रीमद् भागवत को पांचवां वेद कहा जाता हैं। चार वेद क्रमशरू ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद व अथर्ववेद हैं। पांचवा वेद भगवान विष्णु जी की तपोभूमि पर रचा गया।
श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए आगे कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत श्रवण मनुष्य केे सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा जो कोई श्रमण करेगा वह ठाकुरजी को प्राप्त करने में सफल होगा तथा उसके जन्म-जन्मों के मोह-माया के बंधन दूर होंगे। राधे-राधे के उद्घोष से माहौल भक्ति के रस में डूब गया।
महाराज श्याम सिंह चौहान (पुजारी निज मंदिर सेवक परिवार खाटू श्याम जी) एवं पंकज पुजारी (पुजारी निज मंदिर श्री सालासर धाम) ने भागवत कथा में शामिल होकर हिमांशु महाराज से आर्शीवाद लिया। प्रथम दिन मंगलवार को यजमान के रूप में संतोष संघी, सुभाष मुनका, सत्यनाराण नरेडी, सुरेश सोंथालिया, श्याम सुंदर सोंथालिया समेत प्रसाद के यजमान बासुदेव मोदी एवं बासुदेव नागेलिया उपस्थित थे। इस मौके पर प्रमुख रूप से सुरेश अगीवाल, कमल अगीवाल, अशोक नरेड़ी, कुंजबिहारी नागेलिया, महावीर नागेलिया, हरि अगीवाल, बाबुलाल सोंथालिया समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे।