जमशेदपुर। बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को गिरिराज की पूजा के दौरान उनके समक्ष सुंदर छप्पन भोग (प्रसाद) के दर्शन कराये गये। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को आचार्य द्वारा विधि विधान से कराई गई। साथ ही मथुरा से आए कलाकारों द्वारा छप्पन भोग के पदों का गायन किया गया। गिरिराज जी की सजाई गई झांकी और पद गायन पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। सभी ने गिरिराज की परिक्रमा लगाई। इससे पहले मथुरा निवासी कथा वाचक हिमांशु महाराज ने व्यासपीठ से गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक बार इंद्र को अभिमान हो गया। इसी अभिमान को दूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियों से गिरिराज महाराज की पूजा कराई। इंद्र ने घनघोर वर्षा की पर भगवान ने अपनी अंगुली पर सात दिन और सात रात तक गिरिराज पर्वत धारण कर सभी बृजवासियों की रक्षा की और इन्द्र के अभिमान को दूर किया। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। गाय के दूध को अमृत के समान बताया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। आज समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले भागवत कथा में शामिल होकर महाराज जी से आर्शीवाद लिया। भागवत कथा में छठवें दिन चिरहरण, गोपी गीत, वेदू गीत, कंस वध, उधव गोपी संवादकृष्णा-रूकमणी विवाह के प्रसंग सुनाई जायेगी। पांचवें दिन शनिवार को पूजा यजमान के रूप में सत्यनारायण अग्रवाल, कुंजविहारी नागेलिया, राजेश नागेलिया, उमेश महेश संघी समेत छप्पन भोग के यजमान संत कुमार विजय कुमार आगीवाल, प्रसाद के यजमान मुरारी लाल नागेलिया उपस्थित थे।