अभिषेक पाठक
रांची।
झारखंड राज्य अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए पूरे देश भर में विख्यात है।
यहां के अधिकांश इलाके पहाड़ों और जंगलों से घिरे हुए हैं।यहां कई जलप्रपात भी हैं
उन्हीं में से एक दशम जलप्रपात राँची से लगभग 40 किलोमीटर दूर राँची जमशेदपुर मार्ग पर स्थित है।
दशम जलप्रपात का असली नाम “दा:सोम” है। “दा:सोम शब्द स्थानीय मुन्डारी भाषा का है ।
दा:सोम शब्द दो शब्द दा: और सोम से बना है।
दा: का अर्थ पानी और सोम का अर्थ जमाव होता है।
प्रत्येक वर्ष बारिश के मौसम में दशम जलप्रपात का नजारा देखने लायक होता है।
अभी कुछ दिनों से लगातार तेज हवा और नॉन स्टॉप बारिश दशम फॉल की गति बढ़ा दी है। हालांकि जलधारा इतनी तेज है कि आस
पास का कोई शोर सुनाई नहीं देगा, सिर्फ और सिर्फ दशम फॉल की कलकल करती माटी के रंग में रंगी जल की प्राकृतिक मदमस्त
जलधारा किसी भी पर्यटक का मन मोह ने के लिए काफी है।
बारिश होने के बावजूद जमशेदपुर, रांची और सहित दूरदराज से काफी संख्या में लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ पहुंच रहे हैं।
इस दौरान यहां आने वाले लोग उफनती जलधारा के नजारे को मोबाइल में कैद करते नजर आ रहे हैं।काफी ऊंचाई से चट्टानों से टकरा
कर गिरती जलधारा और उस से निकलती वाष्पीकरण की प्रक्रिया पर्यटकों के लिए बेहद अद्भुत नजारा पेश करती नजर आ रही है।
दशम फॉल पहुंचे सभी पर्यटकों को चेहरे खूबसूरती बयां करते देखे रहे हैं।
क्या बड़े या छोटे सभी प्रकृति के इस आदेश को अपने साथ समेटे रखने की चाहत में सेल्फी लेते देखे जा रहे हैं।
प्रत्येक वर्ष बारिश के मौसम में एक बार दशम फॉल पूरी तरह से लबालब हो जाती हैं ।
जो पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक केन्द्र होता हैं।
हालांकि बारिश में पानी का तेज बहाव पर्यटकों के लिए खतरनाक बन जाता है लेकिन वहां तैनात सुरक्षा मित्र कॉल के निचले गेट को
बंद कर देते हैं ।
सिर्फ ऊपर बने रेलिंग से ही पर्यटक फॉल का नजारा देख सकते हैं।
लगातार हो रही बारिश के बावजूद बिना सीजन के ही पर्यटक दशम फॉल का नजारा देखने पहुंच जाते हैं।