चक्रधरपुर : पद से तो हर कोई बड़ा बन जाता है लेकिन दिल से जो बड़ा बने वह इन्सान इंसानियत के लिए देवता बन जाता है. यह बातें चक्रधरपुर के मंडल रेल सुरक्षा आयुक्त ओंकार सिंह के लिए फीट बैठती है. चक्रधरपुर रेल मंडल में ईमानदार और निष्ठापूर्ण कार्य के लिए जाने जाने वाले ओंकार सिंह की एक और खासियत यह भी है की वे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाई में मदद कर उन्हें ऊँचाइयों की बुलंदियों में पहुंचाने का ईरादा रखते हैं.
उनके इन नेक ईरादों को चक्रधरपुर के शिक्षाविद निरुप प्रधान के द्वारा संचालित समर्थ संस्था से हौसला भी मिल रहा है. एक बड़े पद पर आसीन रेल अधिकारी ओंकार सिंह की सादगी की बानगी देखिये. मंडल रेल सुरक्षा आयुक्त होते हुए भी बिना किसी सुरक्षा के निरुप प्रधान के शैक्षणिक संस्था “समर्थ” में वे अपनी एक साईकिल से पहुंचे. चक्रधरपुर रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त ओंकार सिंह ने शिक्षाविद निरुप प्रधान द्वारा संचालित समर्थ संस्था का दौरा किया. इस दौरे में उन्होंने समर्थ संस्था में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों से मुलाक़ात की और उन्हें बेहतर पठन पाठन के लिए प्रेरित किया. समर्थ संस्था में रेल सुरक्षा आयुक्त कुछ देर के लिए शिक्षक की भूमिका में आ गए थे. उन्होंने बड़े प्यार से बच्चों का परिचय लिया और उनसे मैत्री संपर्क बना लिया. इसके बाद उन्होंने बच्चों के मन को टटोलने की कोशिश की.
चक्रधरपुर मंडल रेल सुरक्षा आयुक्त ओंकार सिंह
बच्चे पढ़ाई के साथ साथ और क्या चाहते हैं यह जानने की कोशिश की. उन्होंने यह भी समझने की कोशिश की की किस तरह आर्थिक रूप से पिछड़े इन बच्चों को मदद कर उनकी शिक्षा को बढ़ाया जा सकता है. पठन पाठन के लिए बच्चों में रूचि और बढ़े इसको लेकर भी उन्होंने बच्चों के मन को टटोलने की कोशिश की. बच्चों को किताबें आसानी से उपलब्ध हों सकें इसके लिए भी रेल सुरक्षा आयुक्त प्रयासरत हैं, उन्होंने निरुप प्रधान को कहा की पुस्तकालय के लिए वे पुस्तकें मुहैया कराएँगे. उन्होंने खुले मन से कहा की भविष्य में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को जहाँ भी पढ़ाई में मदद की जरुरत होगी वे हमेशा उनकी मदद को खड़े रहेंगे और बच्चों को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने का वे हर संभव प्रयास करेंगे.