सरायकेला-खरसावाँ ।
ज़िले के आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर सभागार में ड्रग्स के विरुद्ध एसओपी की ड्राफ्टिंग के लिए एक दिवसीय सेमिनार बुधवार को हुई. सेमीनार में कोल्हान के तीनों जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी, ड्रग्स एसोसिएशन और स्वयंसेवी संगठनों के लोग शामिल हुए।
कोल्हान प्रमंडल स्तरीय इस सेमीनार में आयुक्त मनोज कुमार, डीसी सरायकेला अरवा राजकमल, डीसी चाईबासा अनन्य मित्तल, एसपी सरायकेला आनंद प्रकाश, एसपी चाईबासा आशुतोष शेखर, एसएसपी पूर्वी सिंहभूम प्रभात कुमार के अलावा जिले भर के प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारीयों ने शिरकत की. सेमिनार को संबोधित करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि आज जो बातें सेमिनार के माध्यम से छनकर आई है उसको लेकर एक एसओपी बनाने में मदद ली जाएगी. ड्रग्स को लेकर वे खुद इससे आहत हैं कि आनेवाला भारत का भविष्य कैसा होगा? हमें ड्रग पैडलर के विरुद्ध कठोर प्रावधान करने की जरुरत है क्योंकि इस समाज में हमारे भी बच्चे रहते हैं. इसलिए आज इस सेमिनार के आयोजन करने की जरुरत पड़ी है. वहीँ चाईबासा डीसी अनन्य मित्तल ने कहा कि ड्रग्स के आदी इसे छोड़ने में नाकामयाब हो रहे हैं. एजुकेशन डिपार्टमेंट का भी इसमें अहम रोल है. आज स्कूल से मोरल साइंस गायब हो चुका है. हम इस पर बहुत हद तक बच्चों और अभिभावकों को जागरूक कर ही इस पर नियंत्रण कर सकते हैं. क्लास 8 से कॉलेज स्तर तक नियंत्रण करने के प्रयास करने होंगे. वहीँ डीआईजी कोल्हान अजय लिंडा ने कहा कि सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य पूरे प्रमंडल में एंटी ड्रग्स के लिए एसओपी बनाना है. इसलिए सभी पदाधिकारियों के विचार रिकॉर्ड की जा रही हैं कि अवेयरनेस करें तो कहां करें? यह सुनिश्चित करना होगा. इससे पूर्व सेमीनार में स्वागत भाषण डीसी सरायकेला ने किया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कमिश्नर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कई समस्याओं पर चर्चा की थी, जिसमें मुख्य समस्या ब्राउन शुगर के बढ़ते प्रभाव पर एसओपी बनाने का निर्णय लिया गया. इसी के तहत आज सेमिनार आयोजित की गई है. पहले पंजाब में यह समस्या थी. उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थ की सप्लाई पर रोक बहुत जरूरी है. इसके डिमांड पर भी नियंत्रित जरूरी है. आज के सेमिनार में एसओपी के साथ एक सब कमेटी भी बनेगी. जरुरत पड़ी तो राज्य स्तर पर भी पहल करेंगे. स्कूल, कॉलेज को टारगेट करेंगे. ट्रीटमेंट एंड रिहैबिलिटेशन पर कार्य करना है. उन्होंने कहा कि गम्हरिया सीएचसी को रिहैबिलिटेशन का केंद्र बनाने का प्रस्ताव है. वहीँ रीइंटरीगेशन पर भी ध्यान देने का प्रस्ताव एसओपी में रखा गया है…