जमशेदपुर
जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र में बैंक ऑफ इंडिया शाखा से साढ़े 33 लाख और दो किलो सोना की डकैती हुई थी. वहीं 14 फरवरी को बिष्टुपुर स्थित छगनलाल ज्वेलर्स से 32 लाख की लूट हुई थी. पुलिस इन दोनों मामलों में महज साढ़े पांच हजार रूपये ही बरामद कर पाई है. बुधवार को एसएसपी प्रभात कुमार ने दावा किया है की गिरोह के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी व लूट का कैश व सोना भी बहुत जल्द रिकवर कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया की गिरोह के दो सदस्य भारत देश छोड़ चुके हैं. उन्हें पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद ली जाएगी. उम्मीद है की बहुत जल्द ही पुलिस को सफलता हाथ लगेगी. उन्होंने कहा की मामले में तीन सदस्य फरार हैं. एक बेयूर में बंद है, जबकि तीन पकड़ लिए गए हैं.
डकैती में फिल्मी अंदाज पर बड़े कंटनेर का किया गया इस्तेमाल, दो चोरी की बाइक भी जब्त
पुलिस के हत्थे चढ़े बिहार अंतर्राज्जीय लूटेरों के गिरोह ने बैंक डकैती को फ़िल्मी अंदाज में अंजाम दिया. पहले तो गिरोह ने बैंक में रेकी की. उसके बाद भागने और आने में बड़े टैंकर का उपयोग किया गया, तांकि पुलिस को उनपर शक न हो सके. एसएसपी ने बताया की टैंकर से सात गिरोह के छह सदस्य चांडिल के पास एक होटल में रुके. वहां से बिना नंबर की दो बाइक एक अपाछे और पल्सर से पांच लोग बैंक पहुंचे. यहां घटना को अंजाम देने के बाद चांडिल आये और टैंकर से पश्चिम बंगाल चले गए. पुलिस ने दोनों बाइक को जब्त कर लिया जबकि कन्टेनर संख्या डब्लूबी15ए -6027 को बंगाल से जब्त कर लिया है. एसएसपी ने बताया की अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर जगह अभी सार्वजनिक नहीं की जा रही हैं कि कन्टेनर कहां से बरामद किया गया है. पुलिस ने चालक कि भूमिका निभाने वाले दरभंगा के खैरा निवासी खगेन्द्र नारायण सिंह उर्फ सोनू उर्फ संतोष और एक अन्य सदस्य वैशाली के भागवत ठाकुर को गिरफ्तार किया, जबकि 28 अगस्त को रिंकू सिंह को पहले ही जेल भेज दिया था.
बेयूर जेल में बंद सरगना गिरोह के लोगों के साथ रहा संपर्क में, धनबाद की मुठभेड़ में शामिल अपराधियों को भी थी घटना की सूचना
एसएसपी ने बताया की गिरोह कई राज्यों में घटना को अंजाम दे चुका है. ये पहले बैंक, आभूषण दुकान व बड़ी रकम वाले असामियों को टारगेट करते थे. उसके बाद घटना को अंजाम. बैंक में भी गिरोह ने पहले रेकी की थी. गिरोह का मुख्य सरगना बिहार के बेयूर जेल में बंद है जो सदस्यों के संपर्क में था. उसके अलावा धनबाद में हुई मुठभेड़ में शामिल अपराधियों को भी घटना बैंक डकैती की घटना की जानकारी थी, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं थे. एसएसपी ने बताया कि बेयूर और धनबाद के अपराधियों को शीघ्र ही रिमांड पर लेने कि कार्रवाई की जा रही है तांकि कैश व अन्य साथियों को पकड़ा जा सके.
ये है घटना
18 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया बैंक से अपराधियों ने 33 लाख 68 हजार 890 रूपये और 41 सील बंद पैकेट में 2.324.76 ग्राम सोना जिसकी कीमत एक करोड़ 12 लाख 11 हजार 868 रूपये है लेकर अपराधी आसानी से फरार हो गए थे. इस मामले में उलीडीह थाना में वरीय शाखा प्रबंधक राहुल कुमार के बयान पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की थी. इसके अलावा 14 फरवरी को बिस्टुपुर में एक ज्वेलर्स दुकान से 32 लाख की लूट हुई थी. पुलिस इन मामलो का उदभेदन करने के लिए कई राज्य में छापामारी कर रही थी, जिस क्रम में यह सफलता मिली.
राजस्थान तक कर चुके हैं घटना
एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि सभी अपराधी बिहार के पटना, गया, समस्तीपुर एवं अन्य इलाकों के रहने वाले हैं. इनका एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह काम करता है. घटना को अंजाम देने के बाद ये अलग-अलग रास्तों से शहर से फरार हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि शहर की उक्त दोनों घटनाओं को अंजाम दिलाने वाला अपराधी पटना के बेउर जेल में बंद है. उसके कहने पर ही उसके गुर्गे इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. राजस्थान, बंगाल, बिहार में भी इनके द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया गया है.
सिटी एसपी के नेतृत्व में कई थाना प्रभारी थे टीम में शामिल
एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया की सिटी एसपी के विजय शंकर टीम का नेतृत्व कर रहे थे. कांड का उदभेदन करने के लिए उनके साथ कई थाना प्रभारियों को लगाया गया था.