जमशेदपुर।
पूर्वी सिहभूम जिला के डुमरिया प्रखंड खैरबनी पंचायत के भीतर आमदा गॉव के भीगो सबर आदिम जनजाति परिवार से है।भीतर आमदा गॉव एक सुदुरवर्ती गॉव है जो पहाड़ और जंगल की तराई में बसा है।इस गॉव में लगभग 32 परिवार आदिम जनजाति के है। जिसका जीविका का साधन जंगल के कंदमूल एवं आसपास के गॉवों में छोटी मोटी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर अपना जीवन निर्वाहन करते है।यह भीतर आमदा गॉव का सबर टोला काफी पिछड़ा है।
विदित हो की इस पंचायत में झारखंड ट्राईबल डेवलमेंट सोसाईटी (JTDS) में JTELP परियोजना का क्रियान्वयन किया गया, जिसके तहत खेती में सुधार, नई तकनीक पर जोर, जल संसाधन की व्यवस्था जैसे तालाब, कुॅआ, चुॅआ किसान भवन का निर्माण आदि योजना पर काम किया गया। जिससे पंचायत के गॉव पर अच्छा प्रभाव पड़ा है। पिछले वर्ष इसी गॉव भीतरआमदा में आदिमजनजाति के परिवारों को मुख्यमंत्री पशुधन वितरण योजना के तहत 6 सबर परिवार को सुअर, 3 सबर परिवार बकरी और 3 सबर परिवार को बतख का वितरण किया गया, जिससे इन परिवारों द्वारा पशुपालन कर अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकें।
भीमो सबर इसी गॉव का युवक है, जिसको 5 सुअर प्रदान किया गया। आज इसके पास 8 सुअर है। आज भीमों सबर बहुत खुश है। सुअर पालन के द्वारा आज भीगो सबर की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ हो गयी है। भीमो सबर का कहना है की JTDS की मदद सें आज उसे अतिरिक्त आय कमाने का जरिया मिल गया है। उसका सपना है सुअर की संख्या को बढ़ाना, जिससे उसकी पुॅजी में और इजाफा हों। भीमों स्वंय अपनी सुअर का छोटा मोटा इलाज भी कर लेते है। सुअर के रख-रखाव और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी उसे JTDS के द्वारा दी गयी प्रशिक्षण में मिला है। भीमों गॉव के अन्य परिवारों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना है।
इस संदर्भ में झारखंड ट्राईबल डेवलमेंट सोसाईटी (JTDS) के जिला परियोजना प्रबंधक श्री रुसतम अंसारी का कहना की मुख्यमंत्री पशुधन वितरण योजना अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति,अल्पसंख्यक एवं पिछड़ी वर्ग कल्याण विभाग झारखंड सरकार द्वारा चलाया गया महत्वपूर्ण योजना रही, जिसमें आदिम जनजाति परिवार को पशुधन उपलब्ध करना है, जिससे उनकी जिविका के अतिरिक्त साधन मिल सकें जो उनके आर्थिक सामाजिक विकास का मुख्य आधार साबित हो।इसके तहत भीमो सबर जैसे लाभार्थी का सफल होना और अपने समुदाय के अन्य लोगों के लिये प्रेरणास्त्रोत बनाना काफी सुखदायक और खुशी की बात है।