जमशेदपुर। झारखंड के पुर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम समेत राज्य के अन्य इलाकों में लोग आजादी के 75 वर्ष बाद भी बिजली की सुविधा से वंचित हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली तो पहुंची। परंतु बिजली कनेक्शन को लेकर सरकार के नए नियम से उन्हें अंधेरे में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। हजारों लोगों की इस समस्या को लेकर झारखंड भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के जमशेदपुर महाप्रबंधक श्रवण कुमार से मुलाकात की। शनिवार को हुए इस मुलाकात में कुणाल षाड़ंगी ने बिजली के नए कनेक्शन में राज्य सरकार की ओर से 75 दिनों के लिए 3100 रुपये की सिक्युरिटी डिपॉजिट की बाध्यता को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज जब देश में 5G लांच हो गयी है तो ऐसे में राज्य के पुर्वी सिंहभूम जिले समेत अन्य जिले के गरीब जनता तक बिजली की पहुंच ना हो पाना दुःखद है। उन्होंने कहा कि पूर्व में निःशुल्क बिजली कनेक्शन की योजना सुचारू रूप से चल रही थी, जो अब अचनाक बंद कर दी गयी है।
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार 100 यूनिट मुफ्त बिजली की बात करती है तो ये 100 यूनिट अगर हम जोड़ें तो सिक्युरिटी डिपॉजिट की राशि 500 रुपये हो जाती है। जिसका भार गरीब जनता वहन कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर फिर भी सरकार सिक्युरिटी डिपॉजिट लेना जरूरी समझती है तो इसे कम किया जाए अथवा एकमुश्त भुगतान ना लेकर किश्तों में भुगतान के प्रावधान की शुरुआत की जाए।
विद्युत जीएम श्रवण कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर बिजली बोर्ड से पत्राचार किया गया है। जीएम ने माना कि मांग जायज है। जिसका निर्णय राज्य स्तर पर होना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त होते ही इस दिशा में अविलंब कार्य किया जाएगा। कुणाल द्वारा ट्रांसफर जलने पर मरम्मती में 15 दिनों से अधिक समय लगने के सवाल पर श्रवण कुमार ने बताया कि 25 केवी और 63 केवी के ट्रांसफर के लिए विशेष रूप से नई टीम बनाई गई है। इस महीने से जो भी ट्रांसफर जलेंगे या ख़राब होंगे। उनकी मरम्मत 24 घंटे के भीतर की जाएगी। इसके साथ ही, कुणाल षाड़ंगी ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार से भी फ़ोन पर बात की और विधिसम्मत निर्णय लेने की मांग की।
इस दौरान भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बिमल बैठा और ओम प्रकाश रजक मौजूद थे।