जमशेदपुर। शहर के जाने माने गीतकार एवं साहित्यकार राजेन्द्र साह राज ने दुर्गा जी के 239 नामों को लेकर एक अनूठे गीत की रचना की हैं। संभवतः यह पहली बार है कि दुर्गा जी के इतने नामों को लेकर किसी गीत की रचना हुई है। पूरा गीत दोहा एवं चौपाई में छंदबद्ध है। इसे हनुमान चालीसा के तर्ज पर भी गाया जा सकता है। पूरे गीत में तुक व छंद मिलाने के लिए किसी भी अन्य शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। राजेन्द्र साह राज के इस दुर्गा चालीसा को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। ज्ञात हो कि राजेन्द्र साह भोजपुरी भाषी होते हुए बंगला पर भी अच्छी पकड़ रखते हैं। इन्होंने रविंद्र संगीत में विषारद करने के बाद बंगला रविंद्र संगीत को भोजपुरी में भी अनुवाद किया हैं। उसकी सीडी भी पूर्व में रिलीज हो चुकी है, जो काफी चर्चित रही है।