जमशेदपुर । सामाजिक संस्था युवा की ओर से पोटका के नागा फुटबॉल मैदान में किशोरियों को फुटबॉल का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमे 3 गाँव जानूमडीह, सानग्राम एवमं नागा की 15 किशोरियों ने भाग लिया । किशोरियों ने जाना कि फुटबॉल खेल को लेकर जेंडर भेदभाव कैसे किया जाता है और समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़ना एवम SRHR को फुटबॉल के साथ जोड़ते हुए खुदके शरीर को समझना “” । प्रशिक्षक के रूप में पुरानी युवा किशोरी सुश्री सीमा भूमिज ने नेतृत्व लेकर ट्रेनर के रूप में किशोरियों को प्रशिक्षण दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि हम फुटबॉल को ही क्यों चुने। ज्यादातर फुटबॉल लड़के ही खेलते है ,लड़कियों को फुटबॉल खेलने नहीं दिया जाता है ।किशोरियों को दौड़ने वाला खेल खेलने नहीं दिया जाता है ।उन्हें कमजोर समझा जाता है किशोरियों को यही रूढ़िवादी सोच को बदलना है।किशोरियों ने फुटबॉल खेल खेलने से पहले क्या क्या किया जाता है, उसके बारे में जाना । वार्म अप – कुल डाउन के अलग अलग तरीकों को करवाया गया और उसके महत्व की जानकारी दी गई कि यह खेलने से पहले शरीर को तैयार करने के लिए और खेलने के बाद शरीर को आराम देने के लिए किया जाता है, जिसमे अपने शरीर को सहज कर सकते है । फुटबॉल खेल का नियम और मैदान के बारे में जानकारी दी गई कि किस तरह क्या कार्नर में बाॅल जाने से क्या कहा जाता है। प्रशिक्षक ने बताया कि खेल में नियम को जानना और उसके अनुसार खेलना बहुत जरूरी है तभी हम एक दूसरे के सहयोग के साथ अपनी टीम को विजयी बना सकते हैं। एक टीम में सभी खिलाड़ियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है जिसमें स्ट्राइकर, डिफेंडर,गोलकीपर होते हैं । किशोरियों ने छोटे-छोटे चार समूह बनाकर खेलना सीखा। किशोरियों ने बहुत उत्साहित होकर खेल के हुनर को सीखा।
प्रशिक्षण में शामिल सभी लड़कियां युवा के बाल विवाह के खिलाफ चल रहे कार्यक्रम में शामिल हैं। मालूम हो की युवा की ओर से पोटका प्रखंड में गर्ल्स फर्स्ट फंड के सहयोग से बाल विवाह के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है इसमें फुटबॉल एक महत्वपूर्ण टूल है।युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने बताया कि युवा के लगातार प्रयास से बाल विवाह में कमी आई है।
स्पोर्ट्स कैंप को सफल बनाने में ज्योति हेंब्रम चांदनी सवैंया, रीला सरदार, चंद्रकला मुंडा, अवंती सरदार किरण, हीरामणि, रितिका और अंजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई