जमशेदपुर।
टाटानगर रेलवे स्टेशन के बर्मामाइंस सेकेंड एंट्री गेट से गत दो सितंबर को मायामनी टुड्डू की सात माह की बेटी पूजा हेंब्रम को अगवा कर लिया गया था. इस मामले की जांच में जुटी टाटानगर रेल पुलिस को पता चला है कि बच्ची का अपहरण करने वाला भी गुलगुलिया गिरोह का ही है और सीतारामडेरा के छायानगर से उसके तार जुड़े हैं. इसकी जानकारी होने के बाद रेल पुलिस अलर्ट हो गई है और स्थानीय थाना की मदद लेते हुए अपना सूचना तंत्र सक्रिय कर दिया है, तांकि जल्द से जल्द अपहरणकर्ता को गिरफ्तार किया जा सके. मालूम हो कि बच्चा चोरी की घटना के बाद रेल एसपी ऋषभ झा ने रेल थाना प्रभारी यदु साव को बदल दिया था. उनके स्थान पर गुलाम रब्बानी की पोस्टिंग की गई थी. नए थाना प्रभारी ने इस मामले की जांच नए सिरे से आरंभ की. इसी क्रम में अपहरणकर्ता का क्लू खोज निकाला गया. रेल पुलिस को बच्ची के पिता कोका हेम्ब्रेम ने बताया था कि उसकी पत्नी उसे बेचना चाहती है. कोका दूसरी पत्नी के साथ नीमडीह में रहता है. दोनों में झगड़ा होता था. तब स्थानीय पुलिस ने मायामनी टुडू को पति के पास छोड़ा था, लेकिन वह दूसरे दिन ही पति को छोड़कर फरार हो गई थी. बहरहाल, रेल पुलिस के हाथ 46 दिन बीत जाने के बाद भी खाली हैं. रेल थाना प्रभारी गुलाम रब्बानी ने कहा कि अपहरणकर्ता के तार छायानगर से जुड़ने के संकेत मिले हैं. फिलहाल, जांच जारी है. प्रयास है कि जल्द से जल्द मामले का उदभेदन किया जा सके. आपको बता दें कि घटना के बाद अपराधी का सुराग लेने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. घटना के दिन इलाके में एक्टिव मोबाइल से भी उसका सुराग ढूंढा गया. वहीं, बिहार और आसपास सटे शहरों में पोस्टर लगाए गए थे, लेकिन नतीजा सिफर रहा.
अपहरणकर्ता पर जारी किया गया है इनाम
मालूम हो कि मामले में सीसीटीवी फुटेज में अपहरणकर्ता की तस्वीर कैद हो गई थी. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए उस पर ईनाम की भी घोषणा की है. घटना को लेकर राज्य में सनसनी फैल गई थी, जिसके बाद रेल डीजी अनिल पालटा भी टाटानगर पहुंचे थे.
पहले भी हो चुकी है बच्ची की चोरी के बाद हत्या
टाटानगर रेलवे स्टेशन से 25 जुलाई 2019 को तीन साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या हो चुकी है. इस मामले में तीनों दोषियों को अदालत ने सजा दी थी. मुख्य आरोपी रिंकू साव की मौत होने तक आजीवन कारावास की सजा और 90 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया, जबकि दूसरे दोषी मोनू मंडल को 10 साल कारावास और 20 हजार रुपए और तीसरे दोषी कैलाश कुमार को 7 साल सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई थी. तीनों ने बच्ची को स्टेशन से अपहरण किया. टेल्को रामाधीन बागान के कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया था, फिर उसका सिर धड़ से अलग कर फेंक दिया था. रेल पुलिस ने स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे को खंगाला, जिसमें एक युवक बच्ची को ले जाते हुए दिखा. उसका स्कैच तैयार किया गया, जिसके आधार पर टेल्को रामाधीन बागान से 29 जुलाई को 2019 मुख्य आरोपी रिंकू साहू को गिरफ्तार किया गया था. रिंकू के बयान पर उसके साथी मोनू मंडल और कैलाश कुमार को पकड़ा गया था. पुलिस ने तीनों की निशानदेही पर टेल्को रामाधीन बागान से बच्ची का धड़ बरामद किया. सिर को पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद नौ अगस्त को रामाधीन बागान स्थित फिल्टर प्लांट के पास से बरामद किया था.