जमशेदपुर।
आज्ञा भई अकाल की, तभै चलायो पंथ. सब सिखन को हुक्म है गुरु मानयो ग्रंथ…अर्थात सभी सिखों को उस अकाल पुरख परमात्मा का हुक्म है कि वह अपना गुरु श्री गुरुग्रंथ साहिब को मानें. गुरवाणी के इन शब्दों को कीर्तन के जरिए संगत ने श्रवण किया और गुरु भक्ति में संगत लीन हुई. मौका था जुगसलाई स्टेशन रोड गुरुद्वारा में गुरुवार की संध्या आयोजित विशेष कीर्तन समागम का. सिखों की जागती जोत श्री गुरुग्रंथ साहिब की गुरतागद्दी दिवस को मुख्य रखते हुए गुरुद्वारा कमेटी द्वारा सजाए गए विशेष कीर्तन दरबार में संगत गुरु दरबार में नतमस्तक हुई. समागम में स्थानीय सिख स्त्री सत्संग सभा, हजूरी रागी भाई अमृतपाल सिंह लुधियाना वाले ने गुरवाणी कीर्तन कर संगत को गुरु भक्ति में लीन किया. वहीं, कथावाचक ज्ञानी जगसीर सिंह ने गुरवाणी के उपदेशों से कथा करते हुए संगत को गुरु घर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. रात नौ बजे तक विशेष समागम सजा, जिसकी समाप्ति उपरांत सरबत के भले की गुरु चरणों में अरदास की गई. उसके बाद संगत के बीच गुरु का अटूट लंगर भी वितरित किया गया. समागम को सफल बनाने में गुरुद्वारा के प्रधान महेंद्रपाल सिंह भाटिया, कमलजीत सिंह, नरेंद्रपाल सिंह भाटिया, हरजीत सिंह, हरदीप सिंह, जसविंदर सिंह, चंचल सिंह, बलबीर सिंह, नरेंद्र सिंह आदि का सहयोग रहा.